हमीरपुर / 14 मई / रजनीश शर्मा ///
हमीरपुर-मंडी राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच तीन के निर्माण के दौरान निर्माण कंपनी द्वारा की जा रही मनमर्जी रुकने का नाम नहीं ले रही है। इसी कड़ी में मंगलवार को निरीक्षण के लिए निकली नेशनल हाइवे निर्माण कंपनी के अधिकारियों की टीम को प्रभावितों ने झनिककर में करीब आधा घंटे तक घेरे रखा । प्रभावित पीड़ित मंच की महिला विंग की अध्यक्ष रीना देवी के नेतृत्व में अधिकारियों को सवालों के जबाव देने के लिए विवश किया गया। जल छिड़काव, मुआवजे, घटिया निर्माण , डंपिंग साइट, सर्वे और डीपीआर से हटकर हो रहे निर्माण पर निर्माण कंपनी के अधिकारियों से तीखे सवाल पूछे गए। निर्माण कार्य से अधिकतर पीड़ित लोग दरकोटी , बारी मंदिर , झनिककर , बराड़ा, पंजोत , टिक्करी क्षेत्र के लोग हो रहे हैं।
हमीरपुर से मंडी डबल लेन हरित एनएच का निर्माण इस समय कोट से लेकर पाडछू तक चला हुआ है। टौणी देवी तहसील के तहत ठाणा दारोगन में पहले रास्तों को लेकर लोगों का आक्रोश सामने आया। इसके बाद डबल लेन एनएच पर कथित टोल प्लाजा लगाए जाने को लेकर सवाल उठे। अब हाल ही में निर्माण कंपनी द्वारा अधिगृहीत की गई जमीन पर लगाई बुर्जियों को दरकिनार कर आगे कटाई करने पर लोग बिफर गए । प्रभावितों रीना देवी और रमेश चंद के मुताबिक निर्माण कंपनी करीब दो साल से लोगों को परेशानी में डाले हुए है। डीपीआर और सर्वे से हटकर कई जगह रसूखदारों को बचाने के लिए कार्य हुआ। उन्होंने आरोप लगाया निर्माण कंपनी के लगाए कई डंगे पहली बरसात में ही गिर गए।
इस बारे में नेशनल हाइवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया के साइट इंजीनियर सुशील कुमार , डीपीएम मुकेश गुप्ता, परवीन विकी , समन्वयक उपाध्याय ने बताया कि पानी का छिड़काव प्रतिदिन सुनिश्चित किया जा रहा है। भूमि कटान , मुआवजे और डंपिंग के मामले शीघ्र सुलझा लिए जाएंगे।