हमीरपुर / 29 मार्च / रजनीश शर्मा
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को अपने ही गृह जिला हमीरपुर की सुजानपुर सीट को जीतने की चुनौती मिल गई है। यूं तो उपचुनाव बड़सर सीट पर भी है लेकिन सुजानपुर का किला फतह करना सीएम के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन चुका है। वजह साफ है कि राजेंद्र राणा यहां लगातार तीन चुनाव जीतते आ रहे हैं। बीजेपी में शामिल होकर राणा ने अब सीएम सुक्खू को ललकारा है। ताजा घटनाक्रम में पूरा बीजेपी मंडल , प्रकोष्ठ और महिला मोर्चा राणा के साथ आ खड़ा हुआ है। ऐसे में सुक्खू को अपने ही गृह जिला में राजेंद्र राणा घेर कर बीजेपी की झोली में बड़सर, कुटलेहड, गगरेट, धर्मशाला और लाहुल स्पीति की सीटे भी डालने के मंसूबे अखित्यार किए हुए हैं।
लोक सभा चुनाव के साथ ही सुजानपुर सीट का उपचुनाव भी होगा। बीजेपी ने राजेंद्र राणा को पार्टी में शामिल कर टिकट भी थमा दी है। वहीं कांग्रेस में टिकट को लेकर अभी तक कोई संजीदगी देखने को नहीं मिल रही है। कांग्रेस में अभी तक कोई ऐसा चेहरा सामने नहीं आया है जिसे सीएम ने टिकट का भरोसा दिलाया और फील्ड में काम करने को कहा हो। जो तीन चेहरे सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र में टिकट की दावेदारी कर रहे हैं , वह केवल अपने रसूख के कारण ही लोगों के मन टटोल रहे हैं। ऐसे में कांग्रेस टिकट के फाइनल करने में हुई देरी नई उलझन पैदा कर सकती है।
सुजानपुर में ये हैं कांग्रेस के चेहरे
सुजानपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस टिकट के प्रबल दावेदारों में पुराने बमसन के पूर्व विधायक और केसीसी बैंक के चेयरमैन कुलदीप सिंह पठानिया, बमसन के पूर्व विधायक स्वर्गीय कर्म सिंह ठाकुर के बेटे जतिंदर कुमार तथा जिला कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष नरेश ठाकुर प्रमुख हैं। इनमें अभी तक कुलदीप सिंह पठानिया तथा जतिंदर का नाम आगे चला हुआ है। कांग्रेस प्रत्याशी के नाम को कांग्रेस जितना शीघ्र फाइनल करेगी , कांग्रेस के लिए उतना फायदा रहेगा। टिकट फाइनल करने में देरी से प्रत्याशी को लोगों तक वक्तिगत पहचान बनाना मुश्किल हो जाएगा । ऐसे में सीएम को भाजपा प्रत्याशी राजेंद्र राणा की ललकार का जबाव देना मुश्किल हो सकता है ।