अम्बाला / 3 जुलाई / न्यू सुपर भारत
गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि अम्बाला छावनी स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में सरकारी व निजी अस्पतालों के दायरे के तहत हब बनता जा रहा है। अम्बाला छावनी में 8 नई डिस्पेंसरी जल्द ही खुलने जा रही हैं ताकि हर क्षेत्र के लोगों को अपने घरों के नजदीक स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल सके।
स्वास्थ्य मंत्री ने यह अभिव्यक्ति रविवार को अम्बाला-जगाधरी मार्ग पर स्थापित गार्डियन निजी अस्पताल में रोबोटिक नी रिसरफेसिंग मशीन का उद्घाटन करने के उपरांत पत्रकारों से बातचीत करते हुए व्यक्त की। यहां पंहुचने पर डा0 कर्ण सोबती, डा0 बी.के . चोपड़ा, डा0 रोहित डांग, डा0 नितिश जैन व अन्य ने मुख्य अतिथि को पुप्षगुच्छ देकर उनका भव्य अभिनंदन किया।
स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने निजी अस्पताल में इस मशीन को इंस्टाल किये जाने के लिये अस्पताल के प्रतिनिधियों को बधाई देते हुए कहा कि इस मशीन के लगने से सम्बन्धित मरीजों को काफी फायदा मिलेगा। मशीन के माध्यम से घुटनों के ऑप्रेशन सुगमता से हो सकेंगे तथा मरीजों को भी इसका काफी लाभ होगा। उन्होंने कहा कि अम्बाला आज तरक्की कर रहा है। अम्बाला का स्तर बढ़ा है। मैडिकल क्षेत्र में सरकारी व निजी क्षेत्र के दायरे के तहत यह हब बनता जा रहा है। यहां पर सभी तरह की चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध हैं।
पिछले दिनों ही नागरिक अस्पताल अम्बाला छावनी अटल कैंयर केयर सेंटर का उद्घाटन किया गया था। नागरिक अस्पताल अम्बाला छावनी में प्रतिदिन लगभग 2000 की ओपीडी है। हर तरह की आधुनिक चिकित्साएं सुविधाएं उपलब्ध हैं। यहां पर कैथ लैब, डायलिसिस सेंटर, एमआरआई, सी.टी. स्कैन सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध हैं। स्वास्थ्य सेवाओं में विस्तार के दृष्टिगत लोगों को और सुविधाएं मिल सकें,
इसके लिये अम्बाला छावनी में आठ नई डिस्पेंसरी खोली जाएंगी। साईट विजिट की जा रही है ताकि एरिया के मुताबिक इन्हें खोला जा सके और लोगों को अपने घर के नजदीक ही इनका लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि नेशनल कम्युनिकेबल डिजीज की लैब भी अम्बाला में बनने जा रही है, जो केन्द्रीय लैब होगी। जल्द ही होम्योपैथिब कॉलेज भी इलाके में बनने जा रहा है। कुल मिलाकर स्वास्थ्य सेवाओं में अम्बाला हब बनता जा रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने इस अवसर पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए यह भी कहा कि जब वे स्वास्थ्य मंत्री बने थे तो उन्होंने निर्णय लिया था कि एनएबीएच अस्पतालों को इंपैल्ड किया जाए। उनके इस निर्णय से स्टेट के लगभग 600-700 अस्पताल एनएबीएच के तहत इंपैल्ड हो गये हैं। पहले ऑन रिकमडेशन अस्पताल को इंपैल्ड करने का काम किया जाता था। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में चिकित्सा से सम्बन्धित होने वाले उपकरणों को विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानदंडों के अनुरूप ही प्रयोग में लाया जाता है।
इस मौके पर अस्पताल के संचालक डा0 कर्ण सोबती ने स्वास्थ्य मंत्री का यहां पंहुचने पर सभी की ओर से अभिनंदन किया और अस्पताल में स्थापित की गई इस नई मशीन की कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस मशीन के माध्यम से घुटने सम्बन्धी रोगों को उपचार करने में काफी सहायता मिलेगी। उन्होंने बताया कि पहले इलाज में काफी समय लगता था लेकिन इसमें 3 से 4 सप्ताह में मरीज सही तरीके से चल पाएगा। पहले साईज देने में मरीज को दिक्कत झेलनी पड़ती थी लेकिन अब रोबोटिक मशीन से यह काम आसान हो जाएगा।
इस मौके पर डा0 कर्ण सोबती, डा0 बी.के . चोपड़ा, डा0 रोहित डांग, डा0 नितिश जैन, संजीव वालिया, ओम सहगल, गोपी सहगल, सुरेन्द्र तिवारी, दीपक भसीन, अनिल कौशल, बृज भूषण कौशिक, सुदर्शन सहगल, जसबीर जस्सी सहित अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।