डी सी कैप्टन शक्ति सिंह, बी पी राणा और संजय राठी ने संगम में अपनी तस्वीर रखी
झज्जर / 29 दिसंबर / न्यू सुपर भारत
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डीएटीई)माछरौली में शुक्रवार को शिक्षा में अध्ययन विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। शिष्टमंडल में प्रमुख वक्ता, संघ के प्रमुख सचिव ओम प्रकाश धनखड़, विशेष अतिथि अतिथि प्रदेश अध्यक्ष डी. सी. कैप्टन शक्ति सिंह, विशेष अतिथि अतिथि प्रदेश अध्यक्ष हरियाणा यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट संजय राठी और सलाहकार संघ वर्कशॉप बी पी राणा ने शिक्षा में फिल्मांकन विषय पर अपने विचार साझा किये। राष्ट्रीय संगोष्ठी का संचालन वास्तविक भारत योजना के जिला समन्वय डॉ. सुदर्शन पूनिया ने किया।
मुख्य वक्ता डॉ. पवन जिंदल ने कहा कि भारतीय संस्कृति सर्वश्रेष्ठ है और विश्व में फिर से भारतीय संस्कृति का बोलबाला हो रहा है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी सभ्यता का प्रभाव हमारी संस्कृति पर विपरीत रूप से पड़ा। अंग्रेजी शासकों ने हमारे ऊपर अपनी शिक्षा मशीनरी रखी। अंग्रेजी शिक्षा पद्धति भारतीय संस्कारों के संविधान नहीं थी। गुलामी की दास्ताँ को तोड़ना होगा और अपनी सोच बदलनी होगी। आने वाली पीढ़ी कैसी होनी चाहिए यह हमारे काम का परिणाम होगी। हमारी संस्कृति वसुधैव कुटुम्बकम् की है। इसलिए आज पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है। भारतीय नैतिक नैतिकता कोफ़ैमिली से स्थापित करने का दायित्व परिवार एवं शिक्षण शिक्षण और सामाजिक आधार का है। हमारे सरकारी स्कूल किसी से कम नहीं हैं। शिक्षक परिचय को स्वीकार करना सीखना।
उन्होंने कहा कि शिक्षा शुल्क नहीं मिलना चाहिए, व्यापार से शिक्षा नहीं मिल सकती। नैतिक रूप से श्रेष्ठ होना ही भारतीयता की पहचान है।भाजपा के राष्ट्रीय सचिव धनखड़ ने कहा कि किसी व्यक्ति को बड़ी देनदारी के साथ न्याय मिलना चाहिए। यह अच्छी व्यवस्था है और गैजेट्स आगे की स्टैलेट्स। उन्होंने कहा कि संस्कार का अर्थ पक्का विचार है। संस्कार व्यक्ति के आचरण और व्यवहार पर नियंत्रण रखें। पक्का विचार है कि अपने से बड़ों का सम्मान करें। पक्का विचार अर्थात् संस्कार परिवार, आसा-पासा के राक्षस और शिक्षण शिष्या व अनुयायी से मिलते हैं।
ज्वालामुखी में बैठक वाली शिक्षा से छात्र जीवन में कई पक्के विचार मिलते हैं। बच्चों को बड़ा ज्ञान, बड़ा लक्ष्य, पढ़ने की आदत, दुनिया तेजी से बदल रही है इसलिए तकनीक के साथ अद्यतन रहने की आदत की आदत। अपनी श्रेष्ठता और दूसरी श्रेष्ठता की बातें सिखाएं। शिक्षक यदि छात्रों को महान संस्कार दिया जाता है तो निश्चित रूप से छात्र के रूप में शिक्षक को ताउम्र याद दिलाया जाता है। उन्होंने कहा कि आरएसएस से पक्के विचार मिले कि मानव सेवा करनी चाहिए। आरएसएस केंद्र, गुरुकुल और परिवार अच्छे संस्कार प्राप्त करने के केंद्र हैं।
डीसी कैप्टन शक्ति सिंह ने कैथेड्रल में अपनी राय रखते हुए कहा कि विदेशी शासकों ने भारतीय संस्कृति और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए सुव्यवस्था का प्रयास किया। पश्चिमी संस्कृति को अच्छा लगा हमें उनके अनुसार ढालने की कशिश की गयी। हमारी परंपराओं, शिक्षा, चिकित्सा पद्धतियों को कामतर ने सिखाया और हम चले गए। समय बदलता जा रहा है, अब ये हो रहा है कि उल्टे पश्चिमी देश हमारी प्राचीन पद्धतियों पर जोर दे रहे हैं। हमारी संस्कृति और परंपराएँ श्रेष्ठ हैं। नई शिक्षा नीति से बड़े बदलाव आएंगे। हरियाणा सरकार ने वर्ष 2025 तक नई शिक्षा नीति लागू करने की घोषणा की है और इस दिशा में तेजी से काम चल रहा है।
उन्होंने कहा कि वास्तुशिल्प निर्माण के विश्वास को खत्म करने का प्रयास करें, आपका सुधार होगा।
संजय राठी ने कहा कि सामाजिक कुरीतियों को दूर करने में शिक्षा अपनी अहम भूमिका निभा रही है। शिक्षक शिक्षा पर आधारित समाज एवं नैतिक विचारधारा पर आधारित श्रेष्ठ निर्माण में अपनी भूमिका निभाएँ। समाज में शिक्षक को गुरु का आदर्श प्राप्त हुआ है और गुरुजी की बातों का ध्यान सुना जा रहा है।
इनस्टोरी वर्कशॉप बी पी राणा ने सभी स्ट्रीक्स का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि सरकार ने कर्मयोगी योजना शुरू की है। सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को योजना के तहत लाइसेंस शिक्षा दी जा रही है। जिसमें आध्यात्म और आध्यात्मिक जीवन पर ध्यान केंद्रित किया गया है। इस मौके पर राज सिंह नांदल, मिस्त्री महेंद्र बैसामी, डीएओ राजेश कुमार, डीएओ सुभाष भारद्वाज समेत शिक्षा विभाग के अधिकारी और शिक्षक मौजूद रहे।