पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत श्रमिकों का कराये पंजीकरण : एडीसी डॉ. ब्रह्मजीत सिंह रांगी
फतेहाबाद / 13 अक्टूबर / न्यू सुपर भारत
केंद्र सरकार ने गरीब और जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए विभिन्न कार्यक्रम चलाये हैं। केंद्र सरकार ने कारीगरों, उद्यमियों और कुशल व्यक्तियों के लिए एक और वरदान लॉन्च किया है जिसके अनुसार वे 3 लाख रुपये का ऋण और प्रशिक्षण प्राप्त करने के पात्र होंगे। इस योजना का नाम पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना है। अतिरिक्त उपायुक्त डॉ. ब्रह्मजीत सिंह रांगी ने इस योजना के क्रियान्वयन और श्रमिकों के पंजीकरण को लेकर अधिकारियों की बैठक ली और उन्हें आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।
लघु सचिवालय के सभागार में आयोजित बैठक में समीक्षा करते हुए अतिरिक्त उपायुक्त डॉ. रांगी ने इस योजना को कारीगरों के लिए वरदान बताते कहा कि इस योजना का लाभ दिलाने के लिए श्रमिकों का पंजीकरण कराये। पंजीकरण करने वाले श्रमिकों के व्यवसाय को ग्राम स्तर पर सरपंच और शहरी क्षेत्र में नगरपालिका व नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी द्वारा वेरीफाई किया जाएगा।
अतिरिक्त उपायुक्त डॉ. रांगी ने बताया कि कोई अगर इस योजना के तहत पात्र हैं तो उन्हें योजना का लाभ पाने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। वे नजदीकी सीएससी पर जाकर अपना पंजीकरण करा सकते हैं। पंजीकरण के बाद उसकी वेरिफिकेशन होगी। इस योजना में लाभार्थी को मंत्रालय द्वारा 15 दिनों का प्रशिक्षण प्राप्त करने के पात्र होंगे और इसके तहत 500 रुपये प्रतिदिन का वजीफा वितरित किया जाएगा। सरकार द्वारा इस योजना के अंतर्गत विश्वकर्मा समुदाय से संबंध रखने वाले पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को टूल किट खरीदने के लिए 15000 रुपए की आर्थिक सहायता राशि दी जाएगी।
मिलेगा 3 लाख रुपये का लोन:-
पीएम विश्वकर्मा योजना में खुद का कारोबार शुरू करने के लिए लोन की सुविधा मिलेगी, बशर्ते उस व्यक्ति के पास कोई पारंपरिक स्किल हो। स्कीम में 3 लाख रुपये तक का लोन मिल सकता है। पहले चरण में बिजनेस स्टार्ट करने के लिए 1 लाख रुपये का लोन दिया जाता है। इसके बाद बिजनेस के विस्तार के लिए दूसरे चरण में 2 लाख रुपये तक का लोन मिलता है। यह लोन सिर्फ 5 फीसदी की ब्याज दर पर मिलेगा।
पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए योग्यता शर्तें:-
आवेदक असंगठित क्षेत्र/अनऑर्गेनाइज सेक्टर में 18 निश्चित पारंपरिक व्यवसायों में से किसी एक में कारीगर या शिल्पकार के तौर पर काम कर रहा हो, रजिस्ट्रेशन की तारीख तक आवेदक की न्यूनतम उम्र 18 वर्ष होनी चाहिए, आवेदक ने पिछले 5 साल के दौरान स्व-रोजगार या बिजनेस डेवलपमेंट के लिए केंद्रीय/राज्य-आधारित समान योजनाओं जैसे पीएम स्वनिधि, पीएमईजीपी मुद्रा के तहत लोन न लिया हो। हालांकि, मुद्रा और स्वनिधि के आवेदक जिन्होंने अपना लोन पूरी तरह से चुका दिया है, वे पीएम विश्वकर्मा के तहत लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं।
लोन अप्रूवल की तारीख से अवधि कैलकुलेट की जाएगी। किसी भी सरकारी सेवा (केंद्र/राज्य) में कार्यरत आवेदक और उसके परिवार के सदस्य (पति/पत्नी और उनके अविवाहित बच्चे) इस योजना के लिए योग्य नहीं हैं। इस योजना के लिए रजिस्ट्रेशन और लाभ परिवार के केवल एक सदस्य तक को ही मिलेगा।
पीएम विश्वकर्मा कौशल सम्मान योजना में शामिल श्रेणी:-
इस योजना में बढ़ई (सुथार), नाव बनाने वाला, कवच बनाने वाला, लोहार, हथौड़ा और टूल किट बनाने वाला, ताला बनाने वाला, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार/पत्थर तराशने वाला/पत्थर तोडऩे वाला, मोची (चर्मकार)/जूता बनाने वाला/फुटवियर कारीगर, मेसन (राजमिस्त्री), टोकरी बनाने वाला/टोकरी वेवर: चटाई बनाने वाला/कॉयर बुनकर/झाड़ू बनाने वाला, गुडिय़ा और खिलौना बनाने वाला (पारंपरिक), नाई, माला बनाने वाला, धोबी, दर्जी (दारजी) और मछली पकडऩे का जाल बनाने वाला शामिल हैं।
ये रहे मौजूद:-
बैठक में एमएसएमई के अतिरिक्त निदेशक गुरप्रताप सिंह, कार्यकारी अभियंता देवेंद्र सिंह, ईओ ऋषिकेश चौधरी, परियोजना अधिकारी जगदीश दलाल, रोजगार अधिकारी राजेश कुमार, एलडीएम संजय कुमार, राजकीय आईटीआई भोडिया खेड़ा प्राचार्य रमेश कुमार सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।