झज्जर / 06 अक्टूबर / न्यू सुपर भारत
डीसी कैप्टन शक्ति सिंह ने कहा कि सभी संबंधित विभाग स्वच्छ पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूकता के साथ इससे संबंधित कार्यों का क्रियान्वयन सही समय पर सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि एनजीटी द्वारा वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए ग्रेप व्यवस्था लागू की है। इसकी पालना हर हाल में करनी होगी। डीसी शुक्रवार को लघु सचिवालय स्थित सभागार में जिला में वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए किए जा रहे कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आगामी पहली नवंबर से लेकर 31 जनवरी तक (ग्रीन पटाखों को छोडक़र) पटाखों के निर्र्माण, भंडारण व उपयोग करने पर पूर्णतया रोक रहेगी। डीसी ने कहा कि कि वायु प्रदूषण के निवारण के लिए सरकार द्वारा सजगता के साथ कार्य किए जा रहे हैं। पांच सौ गज से ज्यादा बड़ी साइटों पर होने वाले निर्माण को लेकर डस्ट पोर्टल पर पंजीकरण कराना अनिवार्य है।
डीसी ने कहा कि ग्रेप नियमों की कड़ाई से पालना करने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं,ताकि वायु प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके। इतना ही नहीं जरनेटर सैट के स्थान पर गैस और लिथोमोन प्रोजेक्ट का उपयोग किया जाए,जिससे वायु प्रदूषण रोकने में काफी मदद मिलेगी। उन्होंने फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर भी सरकार की योजनाओं का किसानों से लाभ उठाने का आह्वान किया ,साथ ही अधिकारियों से फसल अवशेष जलाने वालों पर कड़ी निगरानी के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सडक़ों पर उडऩे वाली धूल पर नियंत्रण के लिए संंबंधित विभागों द्वारा एंटी स्मॅाक गन को उपयोग में लाया जाए,साथ ही वायु प्रदूषण को लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी नियमों की कड़ाई से पालना सुनिश्चित की जाए।
डीसी ने अधिकारियों को दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि अधिकारी एक्शन प्लान बनाकर प्रदूषण मुक्त शहर बनाने का हर सम्भव प्रयास करें और मनमानी करने वालों के खिलाफ चालान और जरूरत पडऩे पर कू ड़ा जलाने वालों पर एफआईआर भी दर्ज करवाएं।डीसी ने कहा कि वायु प्रदूषण नियंत्रण को लेकर लोग काफी जागरूक हो चुके हैं। समीर एप पर वायु प्रदूषित करने वालों की शिकायत भी दर्ज कर रहे हैं। समीर एप शिकायत दर्ज होते ही संबंधित विभाग तत्काल कार्यवाही अमल में लाए।
उन्होंने कहा कि सरकारी साईटों पर चल रहे निर्माण कार्यों पर धूल मिट्ïटी वायु में न फैले , इसके लिए पानी छिडक़ाव जरूरी है। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्र में सडक़ मार्गों पर अतिक्रमण करने वालों पर सख्ती बरतने की जरूरत है कि यातायात जाम की समस्या न पैदा हो। डीसी ने कहा कि इमरजेंसी सेवा उपलब्ध करा रहे संस्थान भी 31 दिसंबर तक डीजल चालित जनरेटर के स्थान एनजीटी द्वारा स्वीकृत र्इंधन से चलने वाले जरनेटर सैट की व्यवस्था कर लें । यह अनुमति केवल 31 दिसंबर तक दी गई हैै।
बैठक में इन अधिकारियों की रही मौजूदगी
इस अवसर पर डीएमसी जगनिवास, एसडीएम बादली रविंद्र कुमार,एसडीएम बेरी रविंद्र मलिक,डीएसपी अनिल ,प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी नवीन गुलिया,डीआईपीआरओ सतीश कुमार,सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता सतीश जनावा सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।