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पराली जलाना पर्यावरण, कृषि और मनुष्य के लिए एक घातक समस्या है

हैदराबाद / 20 नवंबर / न्यू सुपर भारत

राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकारी के सौजन्य से हरियाणा राज्यक सेवा प्राधिकारी के सदस्य सचिव से प्राप्त दिशा निर्देश की आपूर्ति में जिला विधिक सेवा प्राधिकारी के अध्यक्ष व जिला एवं सत्र न्यायाधीश भंडार चालिया के आदेश अन्य पराली के निवासियों को आग लगाने की रोकथाम और जागरूकता के लिए सप्ताह सोमवार को कैंपों की तटस्थता में सेनापति धनुर्धर सुभाष चंद्र ने गांव हिजरावन कलां में शिविर का आयोजन किया।

इस शिविर में एनेक्स्ट ने किसानों को बताया कि फ़ारल फ़्रैंच ब्लास्ट से मिट्टी की ऊपरी परत में मौजूद अन्य सूक्ष्म कणों के साथ-साथ उसकी जैविक गुणवत्ता को भी नुकसान होता है। इसलिए कोई भी व्यक्ति या किसान पराली ना जलाए। उन्होंने कहा कि फ़ारल फ़्लोरिडा जलाना डायवर्जन की धारा 188 और वायु एवं प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम 1981 के तहत अपराध है। इस धारा के तहत दोषी पाए जाने पर 6 महीने की छूट या 15000 रुपये की भरपाई हो सकती है। इस शिविर के दौरान पैरा लीगल वालंटियर राकेश कुमार, सरपंच प्रतिनिधि करण सिंह, सोहन सिंह, गुरु अध्यापिका सिंह, जसवीर सिंह, पंच बलदेव सिंह, बलवंत सिंह आदि ग्रामीण लोग मौजूद रहे।

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