हैदराबाद / 14 नवंबर / न्यू सुपर भारत
अविश्वासी अजय सिंह तोमर ने विभिन्न संबद्ध अधिकारियों की बैठक की समीक्षा के लिए कहा कि धान की पराली और अन्य फसली विद्रोहों से भारी प्रदूषण की गंभीर चिंता का विषय है और साझीदार वायु मानव स्वास्थ्य के साथ-साथ समुद्र के लिए भी घातक है। इस घटना से शुरुआत के लिए हम सभी को सामूहिक प्रयास करना होगा। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट व सरकार के निरीक्षण में पराली में सूचीबद्ध लोगों के खिलाफ जिला प्रशासन द्वारा सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। सरकारी मंजूरी से गैर-सरकारी लाइसेंस धारक किसानों/व्यक्तियों का शस्त्र लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है। इसके अलावा किसानों को सामाजिक पेंशन सहित विभिन्न प्रकार की पेंशन भी सरकार द्वारा जारी की जा सकती है।
अजय अजय सिंह तोमर अली सहित पुलिस अधीक्षक आस्था मोदी ने संयुक्त रूप से अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जिले में धान की भूमि पर अन्य समानताओं के संस्मरणों को पूर्णताया रिकार्ड किया जाए। पराली म्यूजिक के बारे में टीम के पुलिस अधिकारियों के साथ समय-समय पर साझीदारी में निरीक्षण करें। प्रचार करने और बढ़ावा देने वाले लोगों/किसानों के लिए तत्काल प्रभाव से निषेध कार्रवाई और अनुमोदन भी दर्ज करें। किसानों को पराली से जुड़े रहस्यों के बारे में बताया गया और उन्हें अंतिम रूप देने के बारे में सलाह दी गई। अधिकारी विशेष रूप से फ़ॉक्स पोस्ट और वहां के किसानों को फ़ासल फ़्रांसिलों में दाखिला लेने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि पराली की कहानियों पर स्क्रैच के लिए वैलिडिटी राज ब्लॉक सहित किसानों और अन्य पुतलियों का सहयोग जुटाया गया है।
उन्होंने कहा कि पंचायत, कृषि एवं संबंधित विभाग के किसानों को पराली और अन्य आदिवासियों के बारे में कोई निष्कर्ष न निकालें। सरकार किसानों द्वारा हित में जा रही है उनके बारे में अधिसूचना। उन्होंने कहा कि किसानों को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि के बारे में भी पराली न बेचें और फसल प्रबंधन पर भी जानकारी दें। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि गिरगिट और नंदीशालाओं में पराली स्टोकन के लिए किसानों को प्रेरित करें। यह एक पुण्य का कार्य भी है। उन्होंने कहा कि जिन फैक्ट्रियों में पराली का प्रयोग किया जा रहा है और जहां-जहां जरूरत है, वहां का पूरा विवरण लेकर किसानों को भी दिलचस्पी है ताकि वे पराली बेचकर अपनी आर्थिक स्थिति को और अधिक मजबूत कर सकें।
उन्होंने अपने-अपने क्षेत्र में लगातार निगरानी रखने वाले कार्यालयों और कृषि संयंत्रों से संबंधित कृषि अधिकारियों से संबंधित लोगों के खिलाफ़ कार्रवाई करते हुए अवैध कार्यालय को भी गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने कहा कि संबंधित विभाग के स्वामित्व में टूटे हुए लोगों के बारे में पराली न लिखें।
इस अवसर पर पुलिस कप्तान आस्था मोदी ने कहा कि कृषि विभाग एवं संबंधित विभाग के अधिकारी पुलिस विभाग के साथ गांव-गांव के अधिकारियों का निरीक्षण करें। बार-बार बहस करने वाले लोग/किसानों के खिलाफ तत्काल प्रभाव से मौके पर ही कानूनी कार्रवाई अमल में आती है। उन्होंने कहा कि अलॉटमेंट के साथ-साथ पराली प्रबंधन के कार्य में अधिकारी एवं कर्मचारी स्थिर स्थिरीकरण के साथ कार्य करें। बैठक में एडीसी डॉ. ब्रह्मजीत सिंह रांगी, जिप सीईओ अजय चोपड़ा, प्रमुख राजेश कुमार और जगदीश चंद्र, कृषि विभाग के उपनिदेशक डॉ. सहभागी सहित परली प्रबंधन कार्य से संबंधित संबंधित विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।