November 16, 2024

सीनियर स्टाफ की प्रताड़ना से तंग आकर नर्स ने लगाया फंदा*** परिजनों ने सड़क पर डेड बॉडी रख दिया धरना,

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हमीरपुर / 04 अक्तूबर / रजनीश शर्मा 

डॉ राधाकृष्ण राजकीय मेडिकल कॉलेज और अस्पताल हमीरपुर में सेवारत एक स्टाफ नर्स ने अस्पताल के सीनियर स्टाफ की प्रताड़ना से तंग आकर पंखे से लटककर अपनी जान दे दी। स्टाफ नर्स के कमरे से पुलिस को सुसाइड नोट भी मिला है। 

सूचना मिलने के बाद थाना हमीरपुर से एसएचओ संजीव गौतम के नेतृत्व में पुलिस टीम मौके पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में लेकर मामले की तफ्तीश शुरू कर दी है। मृतक की पहचान मोनिका उम्र 32 वर्ष निवासी गांव पलासी, जिला हमीरपुर के रूप में हुई है। मोनिका पिछले करीब 2 वर्ष से मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में सेवाएं दे रही थी।वीरवार देर शाम हुई इस घटना के बाद मोनिका का मेडिकल कालेज अस्पताल हमीरपुर में पोस्ट्मॉर्टम करवाया गया।

पुलिस ने मौके पर पहुंचकर कमरे से एक सुसाइड नोट बरामद किया है। जिसमें मोनिका ने अस्पताल के वरिष्ठ स्टाफ को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया है। मोनिका ने पत्र में लिखा है कि वह स्कूल टाइम से ही पढ़ाई लिखाई में अव्वल रही है। लेकिन अस्पताल का सीनियर स्टाफ उसे बात बात पर रोक-टोक करता था और उसे प्रताड़ित करता था। जिससे तंग आकर उसने आत्महत्या का निर्णय लिया है।

पोस्टमोर्टम के बाद ग्रामीण भड़क गये क्योंकि पुलिस ने इस मामले में अभी तक कोई गिरफ़्तारी नहीं  की । परिजनों ने मोनिका के शव को भोटा चौक में सड़क के बीच रख आरोपी की गिरफ़्तारी तक चक्का जाम करने और धरना देने की घोषणा कर दी । इससे माहौल तनावपूर्ण हो गया तथा ट्रैफ़िक जाम हो गया। मौक़े पर तुरंत पुलिस बल तैनात किया गया। इसी बीच एसडीएम हमीरपुर , एएसपी विजय कुमार सकलानी , डीएसपी हितेश लखनपाल एवं एसएचओ  संजीव गौतम परिजनों को मनाने में जुटे रहे ।

इस बीच   पुलिस ने पाँच मिनट में मौक़े से शव उठाने व जगह खाली करने की चेतावनी भी जारी कर दी ।परिजनों ने चौक से शव को हटाकर सड़क के किनारे रख दिया तथा प्रशासन के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी शुरू कर दी। क़रीब दो घंटे तक चले घटनाक्रम के बाद एसडीएम डॉक्टर चिरंजी लाल चौहान  ने परिजनों को भरोसा दिया कि आरोपियों को पुलिस गिरफ़्तार कर रही है और मामले की निष्पक्ष जाँच होगी । इसके बाद शव को दाह संस्कार के लिए ले जाया गया।

परिजनों का आक्रोश था कि इतनी बढ़ी घटना होने के बावजूद अस्पताल प्रशासन मूकदर्शक बना रहा तथा उनकी दुःख की घड़ी में भी शामिल नहीं हुआ ।एएसपी विजय कुमार सकलानी ने कहा कि परिजनों को विश्वास दिलाया गया है कि आरोपियों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्यवाही होगी तथा पुलिस मामले की निष्पक्ष जाँच कर रही है।

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