मासिक धर्म है एक प्राकृतिक प्रक्रिया, प्रत्येक महिला को इस पर होना चाहिए गर्व
सुजानपुर / 29 मई / न्यू सुपर भारत
मासिक धर्म एक प्राकृतिक प्रक्रिया है और प्रत्येक महिला को इस प्रक्रिया के लिए स्वयं पर स्वभाविक रूप से गर्व होना चाहिए। उक्त विचार बाल विकास परियोजना अधिकारी सुजानपुर कुलदीप सिंह चौहान ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय जंगलबैरी में विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस के अवसर पर किशोरों के लिए आयोजित जागरुकता कार्यक्रम में व्यक्त किए।
उन्होंने इस दिवस को हर वर्ष 28 मई को मनाने के प्रतीकात्मक महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि महिलाओं में मासिक धर्म चक्र सामान्यत: 28 दिन का होता है और प्राय: 5 दिन चलता है।
इसके महत्व के दृष्टिगत साल के पांचवें महीने की 28 तारीख यानि 28 मई को विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिवस के आयोजन का उद्देश्य महिलाओं और किशोरियों को मासिक धर्म की उपयोगिता से अवगत कराते हुए उन्हें इस अवधि में व्यक्तिगत स्वच्छता के प्रति अधिक सजग करना है। इसके अतिरिक्त यह दिवस स्वच्छता एवं व्यक्तिगत साफ-सफाई को महिलाओं की निजता, गरिमा, सुरक्षा एवं आत्मसम्मान से जुड़े महत्वपूर्ण कारक के रूप में उभारने का अवसर प्रदान करता है।
कुलदीप सिंह चौहान ने कहा कि विद्यालयों में इस दिवस का आयोजन इसे और भी सार्थक बना देता है। क्योंकि, युवा वर्ग शीघ्रता से विकल्पों को स्वीकार करता है, उपयुक्त परिणाम प्राप्त करने के लिए गतिशील कार्य प्रणालियों को स्थान देता है और परिवार तथा समाज में व्यवहार परिवर्तन का कारक बनता है। इस अवसर पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जंगलबैरी की डॉ. पल्लवी तथा आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी डॉ. शिवानी शर्मा ने मासिक धर्म को किशोरियों के स्वास्थ्य और जीवनशक्ति का महत्वपूर्ण संकेतक बताते हुए इसके गरिमामय व स्वच्छतापूर्ण प्रबंधन पर बल दिया।
उन्होंने किशोरियों को मासिक धर्म संबंधी सामग्री के प्रयोग, व्यक्तिगत स्वच्छता में उनकी उपयोगिता व इनके उपयुक्त निपटान की विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम में प्रधानाचार्य कमला ने अपने विद्यालय में लैंगिक संवेदी मित्रवत व्यवहारों व मासिक धर्म के उपयुक्त प्रबंधन हेतु की गई व्यवस्थाओं बारे जानकारी देते हुए युवा विद्यार्थियों से इस पर खुलकर चर्चा करने का आह्वान किया।
इस अवसर पर मासिक धर्म प्रबंधन प्रश्नोत्तरी और नारा लेखन प्रतियोगिता का आयोजन तथा लघु नाटिका का मंचन किया गया और विजेताओं को पुरस्कृत किया गया।
प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में सुनिधि, श्वेता व शीतल क्रमश: प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पर रहीं। नारा लेखन में कशिश, कृतिका और अंशिका क्रमश: प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पर रही। इस अवसर पर मासिक धर्म से जुड़े मिथकों, वैज्ञानिक तथ्यों और उसके सुरक्षित व उचित प्रबंधन से जुड़ी प्रचार सामग्री का वितरण भी किया गया।