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चित्रकला, निबंध लेखन और प्रश्नोत्तरी के माध्यम से बताई मोटे अनाज की महत्ता

पारंपरिक मोटे अनाज को अपने खान-पान में करें शामिल’

हमीरपुर 21 मार्च।

बाल विकास परियोजना अधिकारी कार्यालय सुजानपुर ने पोषण पखवाड़े के अंतर्गत किशोर एवं किशोरियों को मोटे अनाजों की उपयोगिता से अवगत करवाने के लिए मंगलवार को चित्रकला, निबंध लेखन और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताएं आयोजित कीं।


  इस अवसर पर प्रतिभागियों से संवाद करते हुए बाल विकास परियोजना अधिकारी कुलदीप सिंह चौहान ने बताया कि आज के युवा मोटे अनाजों के बारे में ज्यादा नहीं जानते हैं। कई युवाओं ने तो शायद कई मोटे अनाज देखे भी नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि ये पारंपरिक अनाज बहुत ही पौष्टिक एवं गुणकारी होते हैं।  इन्हें अपने खान-पान में शामिल करके हम कई तरह की बीमारियों से बच सकते हैं। इसके अलावा किसानों के लिए भी इनकी खेती बहुत ही फायदेमंद साबित हो सकती है। इन अनाजों के महत्व के बारे में नई पीढ़ी को अवगत करवाने के लिए ही चित्रकला, निबंध लेखन और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हैं।


  इस अवसर पर सभी प्रतिभागियों की सराहना करते हुए बाल विकास परियोजना अधिकारी ने कहा कि इन्होंने मोटे अनाजों के प्रति अपनी समझ और जिज्ञासा का बहुत ही उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया है। प्रतिभागियों ने मोटे अनाज के बारे में जिस तरह से कई महत्वपूर्ण जानकारियां संकलित की हैं, वह बहुत ही प्रशंसनीय है।  कुलदीप सिंह चौहान ने कहा कि रंग, चित्र, लेखन, हास्य-विनोद और खेल-कूद वे साधन हैं जिनसे हम अपने बच्चों के मन में चल रहे भावों, जिज्ञासाओं एवं उथल-पुथल को टटोल सकते हैं तथा इन्हें अभिव्यक्ति प्रदान कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इन प्रतियोगिताओं के माध्यम से आम लोगों में मोटे अनाज के प्रति जागरुकता बढ़ेगी और वे इन्हें अपने खान-पान में शामिल करेंगे।

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