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हिंसा झेल रहे कार्यकर्ताओं की दशा से आहत पूर्व मुख्यमंत्री धूमल ने हमीरपुर संसदीय क्षेत्र की वर्चुअल बैठक में टीएमसी पार्टी कि की घोर निंदा

पश्चिम बंगाल में वीभत्स एवं नृशंस राजनीतिक हिंसा का सामना कर रहे कार्यकर्ताओं के साथ खड़ा हो पूरा दल: धूमल

पूर्व मुख्यमंत्री ने बदले की भावना से कार्यकर्ताओं पर की जा रही हिंसा को बताया दर्दनाक ; केंद्र से हस्तक्षेप करने कि की मांग

हमीरपुर / 4 मई / राजन चब्बा

 पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव परिणामों के बाद जो हो रहा है, वह बहुत ही शर्मनाक है।  यह पूरे राष्ट्र के लिए एक खतरे की घंटी है कि चुनाव जीतने के पश्चात कोई शासक दल  अन्य दलों के कार्यकर्ताओं के लिए कितना खतरनाक  हो सकता है। किसी भी राजनीतिक दल के कार्यकर्ताओं के साथ ऐसा हो सकता है ,जैसा पश्चिम बंगाल में हो रहा है। महिलाओं के साथ ज्यादती की जा रही है , कार्यकर्ताओं को मारा पीटा जा रहा है , उनके घर जला दिए गए हैं, भाजपा कार्यालय तोड़े जा रहे हैं, यह बहुत ही दर्दनाक और वीभत्स है ।  पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव परिणामों के बाद भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को विशेष रूप से निशाना बनाकर की जा रही हिंसा से आहत होकर वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल ने हमीरपुर संसदीय क्षेत्र कि आयोजित एक विशेष वर्चुअल बैठक में संपूर्ण पार्टी का पश्चिम बंगाल के पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए खड़े होने का आह्वान करते हुए यह बात कही है।

         प्रो० धूमल ने  कहा कि पश्चिम बंगाल में पार्टी कार्यकर्ताओं को राजनीतिक द्वेष से परिपूर्ण  वीभत्स एवं नृशंस हिंसा का सामना करना पड़ रहा है, जो बहुत ही दर्दनाक है । इस मुश्किल घड़ी में संपूर्ण पार्टी को उनके साथ खड़ा हो जाना चाहिए। पश्चिम बंगाल में सरकार बनाने जा रही तृणमूल कांग्रेस पार्टी की घोर निंदा करते हुए पूर्व सीएम ने कहा कि भाजपा कार्यकर्ताओं पर की जा रही नृशंस हिंसा टीएमसी पार्टी की के निकम्मेपन्न और निर्दयता को दर्शाती है। 

         प्रोफेसर धूमल ने केंद्र सरकार से मांग करते हुए कहा कि पार्टी कार्यकर्ता पश्चिम बंगाल में हो रही हिंसा के विरुद्ध धरना प्रदर्शन करें और राष्ट्रपति को ज्ञापन तो भेजें ही साथ में केंद्र को भी हस्तक्षेप करना चाहिए कि पश्चिम बंगाल में और क्या किया जा सकता है, क्योंकि पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ इस प्रकार की हिंसा चिंतनीय है जोकि पूर्णता राजनीतिक द्वेष की भावना से , बदले की भावना से की जा रही है। अगर आज पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने, उनके साथ खड़े होने की बात नहीं होगी तो कब होगी।
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