हमीरपुर / 23 जनवरी / रजनीश शर्मा
इस बार पंचायती राज संस्थाओं के चुनावों में हेकड़ी , घमंड व बड़े नेताओं की धौंस दिखाने वाले उम्मीदवारों को जनता ने चुनचुन कर जमींदोज कर डाला। जनता का गुमसुम आक्रोश इतना जबरदस्त था कि वार्ड पंच से लेकर जिला परिषद सदस्य तक बदल डाले।
पूर्व में प्रधान उपप्रधान रहे उम्मीदवार तो इतनी बुरी तरह हारे कि अभी तक होश न संभाल पा रहे हैं। पंचायत घरों में जनता से उलझने वाले तथाकथित महारथियों को आखिर जनता ने ही हराकर पंचायतघर से बाहर पटक दिया।जनता ने नाम व काम देखकर ही अपने उम्मीदवार चुने। तिकड़मबाजी दिखा पंचायती राज संस्थाओं में अहम पद हासिल कर धौंस दिखाने वालों को जनता जनार्दन ने उनकी औकात भी बता दी। पुराना प्रधान या उपप्रधान वहीं जीता जो जमीन से जुड़ा रहा और जनता के सुख दुख में हमेशा साथ खड़ा रहा।
कांग्रेस हो या भाजपा दोनों पार्टियों के बड़े नेताओं के रिश्तेदार वार्ड पंच का चुनाव तक बुरी तरह से हारते दिखे। जिलों व मंडलों में महत्वपूर्ण पदों पर बैठे पार्टियों के पदाधिकारी या तो स्वयं लुढ़कते नजर आए या फिर उनके पति या पत्नीयां जमानत गंवा कर हास्य के पात्र बने।
इस बार पंचायतीराज संस्थाओं में अनेक पत्रकार व एडवोकेट चुनाव जीते हैं। इनका सीधा संबंध जनता से है तथा ये जनता की समस्याओं को करीब से जानते हैं। साफ व उच्च चरित्र के उम्मीदवार को जनता ने तरजीह दी तथा पूर्व में पंचायतीराज संस्थाओं में अहम पदों पर केवल टाइम पास करने वालों को घर बिठा दिया। सच में इस बार बड़े चेहरे हारे तथा नए चेहरे जनता के लिए पहली पसंद बने ।