November 23, 2024

ठप्प पड़े विकास के बीच कंगाली के दौर में पहुंचा प्रदेश: राणा

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हमीरपुर / 25 सितम्बर / रजनीश शर्मा 

विकास के एजेंडे को लेकर विधानसभा में पहुंची प्रदेश बीजेपी सरकार विकास के एजेंडे पर पूरी तरह फेल साबित हुई है। यह बात राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने यहां जारी प्रेस बयान में कही है। उन्होंने कहा कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग लगातार जारी है। प्रदेश में विकास का मूलभूत ढांचा चरमरा चुका है। जबकि राहत के नाम पर भ्रष्टाचार निरंतर फलफूल रहा है। लगातार बढ़ती महंगाई व बेरोजगारी ने आम नागरिक की जीवन शैली पर विपरीत प्रभाव डाला है। प्रदेश में विकास कार्यों पर पूरी तरह रोक लग चुकी है। प्रदेश के एनएच बदहाल स्थिति में हैं, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कें तो खड्डों, नालों का रूप ले चुकी हैं। राणा ने कहा कि बीजेपी सरकार की सत्ता की इस दौर में ग्रामीण विकास बुरी तरह पिछड़ा है। जिसका खराब असर ग्रामीण आबादी पर पड़ा है।

उन्होंने कहा कि सच तो यह है कि ग्रामीण भारत की दुहाई देने वाली बीजेपी के राज में ग्रामीण भारत की सबसे ज्यादा दुर्दशा हुई है। क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों के विकास पर सरकार का शुरू दिन से ही कोई ध्यान नहीं है। यही कारण है कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्र विकास के लिए चीख रहे हैं। राणा ने कहा कि झूठ को आधार बनाकर बनी बीजेपी की सरकार ने जनता को ठगा है। जिस कारण से लोग अब खुद को छला महसूस करके बीजेपी को जनादेश देने के लिए पछता रहे हैं। बेशक सरकार को यह बात बुरी लगती है, लेकिन हकीकत यह है कि प्रदेश में सरकार नाम की कोई चीज नहीं है। प्रदेश में दलाल व माफिया सरकार पर हावी-प्रभावी हैं। जिस कारण से भ्रष्टाचार को खुली छूट मिली हुई है।

उन्होंने कहा कि दरअसल में बीजेपी ने सत्ता को सुख व सरकारी साधनों के उपयोग का जरिया बनाकर रख दिया है। जिस कारण से अब आम नागरिक का राजनीति से भरोसा उठ गया है। सबका साथ, सबका विकास के जुमले पर सत्ता में आई बीजेपी पार्टी ने सिर्फ अपना विकास किया है, जिसकी ज्वलंत मिसाल यह है कि बीजेपी ने सत्ता के मात्र 6 वर्षों में देश की सबसे अमीर पार्टी बन गई है। जबकि देश और प्रदेश की जनता महंगाई और महामारी के बीच कंगाली के दौर में फंस चुकी है। सरकार कर्जा लेकर अपना काम चला रही है और जिस गति से सरकार ने कर्जे लेने का क्रम जारी रखा है अगर इसी गति से कर्जों का दौर चला रहा तो प्रदेश के ठप्प पड़े विकास के बीच इस प्रदेश का कर्जा 1 लाख करोड़ रुपए पार कर जाएगा।

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