ऋण आवंटन में सहानुभूति दिखाएं बैंक अधिकारी: एडीएम
*जिला स्तरीय समीक्षा समिति एवं बैंक सलाहकार समिति की बैठक में दिए निर्देश **मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के मामलों को जल्द निपटाएं, सभी किसानों को दें केसीसी
हमीरपुर / 16 सितंबर / न्यू सुपर भारत न्यूज़
अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी जितेंद्र सांजटा ने जिला के सभी बैंक अधिकारियों से ऋण आवंटन के मामलों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने और अधिक से अधिक लोगों को ऋण देने की अपील की है। जितेंद्र सांजटा बुधवार को हमीर भवन में जिला स्तरीय समीक्षा समिति एवं बैंक सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के कारण पिछली तिमाही में जिला का सी.डी. अनुपात कम रहा है, लेकिन अब आर्थिक गतिविधियां शुरू होने के साथ ही बैंक अधिकारी भी इस अनुपात को कम से कम 40 प्रतिशत तक पहुंचाने के लिए अपनी-अपनी शाखाओं में तेजी से कार्य करें। विशेषकर मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना, मुद्रा योजना, स्टैंड अप इंडिया और सरकार की अन्य महत्वाकांक्षी योजनाओं के तहत ऋण आवंटन में अनावश्यक देरी नहीं होनी चाहिए। एडीएम ने कहा कि जिला में अभी तक 30 हजार से अधिक किसान क्रेडिट कार्ड बनाए जा चुके हैं। इनका शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने के लिए भी बैंक अधिकारी तत्परता दिखाएं।
उन्होंने कहा कि हमीरपुर जिला को 31 अक्तूबर तक डिजिटल डिस्ट्रिक्ट बनाने का लक्ष्य तय किया गया है। इसलिए सभी बैंक डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा दें तथा लोगों को जागरुक करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष शिविर लगाएं।
इस अवसर पर एडीएम, विभिन्न बैंकों और विभागीय अधिकारियों का स्वागत करते हुए पंजाब नेशनल बैंक के मंडल प्रमुख विनीष चावला ने वित्तीय वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में जिला के बैंकों की ऋण तथा जमा राशि का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत किया तथा सी.डी. अनुपात में सुधार पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और अटल पेंशन योजना आम लोगों के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित हो सकती हैं। सभी बैंक आम लोगों को इन योजनाओं से अवगत करवाएं तथा उन्हें इनका लाभ उठाने के लिए प्रेरित करें।
बैठक में भारतीय रिजर्व बैंक के एल.डी.ओ. अवनेश्वर सिंह ने बैंकिंग क्षेत्र के लिए जारी नए दिशा-निर्देशों तथा एमएसएमई के लिए ऋण योजना की जानकारी दी।
नाबार्ड के डी.डी.एम. सतपाल चौधरी ने जिला के अधिकांश किसानों के पास कम जमीन होने के कारण किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से उन्हें बड़े ऋण नहीं मिल सकते हैं। ऐसे किसानों को कृषि क्षेत्र में ढांचागत विकास और कृषि से संबंधित अन्य गतिविधियों जैसे-पशुपालन, दुग्ध उत्पादन, मत्स्य पालन और पोल्ट्री इत्यादि के लिए भी ऋण दिए जा सकते हैं। उन्होंने बताया कि कृषि क्षेत्र में ढांचागत विकास के लिए केंद्र सरकार ने लगभग एक लाख करोड़ रुपये और पशुपालन के लिए 15000 करोड़ का प्रावधान किया है।
बैठक में मुख्य अग्रणी जिला प्रबंधक गुरचरण भट्टी ने विभिन्न मदों का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत किया। इसके बाद पंजाब नैशनल बैंक ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान की स्थानीय सलाहकार समिति की बैठक भी हुई, जिसमें संस्थान के निदेशक हेमराज शर्मा ने प्रथम तिमाही की प्रगति एवं अन्य मदों का ब्यौरा पेश किया।