December 27, 2024

जिला में धार्मिक स्थलों के संचालन के लिए सभी तैयारियां पूर्ण, कोरोना से बचाव के लिए श्रद्धालु सरकार व प्रशासन के दिशा-निर्देशों का करें अनुपालनः उपायुक्त

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हमीरपुर / 9 सितंबर / न्यू सुपर भारत न्यूज़

उपायुक्त श्री हरिकेश मीणा ने कहा कि सरकार ने 10 सितंबर, 2020 से धार्मिक स्थलों को खोलने का निर्णय लिया है। इसके दृष्टिगत हमीरपुर जिला में धार्मिक स्थलों के संचालन के लिए सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं।

उन्होंने कहा कि जिला के दियोटसिद्ध स्थित श्री बाबा बालक नाथ मंदिर में दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को ई-पास बनवाना होगा। इसके लिए मंदिर ट्रस्ट की वेबसाईट को ई-कोविड पास के पंजीकरण के लिए बनाई गई वेबसाईट के साथ लिंक किया जा रहा है। इससे बाहरी राज्यों के श्रद्धालु ई-कोविड पास वेबसाईट के माध्यम से ही बाबा बालक नाथ मंदिर में दर्शनों के लिए भी ई-पास बनवा सकेंगे।

उन्होंने कहा कि 10 सितंबर से धार्मिक स्थलों को खुलने के संदर्भ में श्रद्धालुओं के लिए दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं जिसकी अक्षरशः अनुपालना सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने कहा कि 65 वर्ष से अधिक आयु, अन्य किसी बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति, गर्भवती महिलाएं, 10 वर्ष से कम आयु के बच्चे तथा जुकाम, बुखार और खांसी जैसे लक्षण वाले व्यक्ति धार्मिक स्थलों पर न जाएं।

धार्मिक स्थल/परिसर में प्रवेश करने पर हाथ अच्छी तरह धोएं या सेनिटाइज करें। बाबा बालक नाथ मंदिर में प्रवेश द्वार नंबर एक, गेट नंबर-6, 2 और बाहर जाने वाले गेट नंबर-5 में श्रद्धालुओं को पानी व साबुन उपलब्ध करवाया गया है और मंदिर परिसर के विभिन्न स्थानों पर भी यह सुविधा उपलब्ध रहेगी। थूकने पर पूर्णतया प्रतिबंध रहेगा।  

मास्क का सही प्रकार से उपयोग करें व परिसर के भीतर कम से कम 6 फीट की उचित दूरी बनाए रखें। मूर्ति, घंटी, धार्मिक ग्रंथ, रेलिंग, दरवाजे या अन्य किसी वस्तु/स्थल को स्पर्श न करें। परिसर में भेंट सामग्री चढ़ाना, प्रसाद व चरणामृत बांटना, पवित्र जल का छिड़काव प्रतिबंधित है।

धार्मिक परिसर के अंदर विवाह, मुंडन, हवन व मूर्ति इत्यादि करने को स्पर्श करने से संबंधित कोई भी धार्मिक अनुष्ठान करने की अनुमति नहीं है। परिसर में व्यर्थ इधर-उधर न घूमें/बैठें। धार्मिक स्थल में आने वाले श्रद्धालु को अपने मोबाइल पर आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करना भी आवश्यक है।

मंदिर प्रतिदिन प्रातः 6.00 खुलेगा और सायंकाल को 7.00 बजे बंद होगा। प्रतिदिन लगभग 500 श्रद्धालुओं को गुफा/मंदिर में दर्शन की अनुमति दी जाएगी। गर्भ गृह में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी और यात्रियों को चिह्नित स्थल से ही दर्शन करने होंगे और मूर्ति के समक्ष एक मिनट से अधिक रूकने की अनुमति नहीं होगी। श्रद्धालुओं को दर्शन करने के उपरांत 15 मिनट में गेट नंबर-05 से होकर परिसर से बाहर जाना होगा।  

उन्होंने जिला प्रशासन की ओर से लोगों से अपील की है कि वे अतिआवश्यक होने पर ही मंदिर इत्यादि में आएं, अन्यथा वे घर बैठकर ही लाईव दर्शन/आरती में शामिल हो सकते हैं।

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