पुराने मंदिरों और स्मारकों के लिए भाषा एवं संस्कृति विभाग से मिल सकता है अनुदान
हमीरपुर / 19 अगस्त / न्यू सुपर भारत न्यूज़
सांस्कृतिक विरासतों के संवद्र्धन व संरक्षण के लिए प्रदेश सरकार की ओर से आरंभ की गई आवर्ती निधि योजना एवं धार्मिक संस्थानों, पुरातन स्मारकों व पुरास्थलों के लिए सहायता अनुदान योजना के अंतर्गत हमीरपुर जिला के धार्मिक संस्थानों, पुरातन स्मारकों तथा पुरा स्थलों को भी अनुदान मिल सकता है।
जिला भाषा अधिकारी ने निक्कू राम ने बताया कि भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग के माध्यम से आरंभ की गई आवर्ती निधि योजना के अतंर्गत वे मन्दिर शामिल होंगे जिनकी भूमि विभिन्न भू-सुधार अधिनियमों (1953, 1972) के तहत मुजारों, सरकार में निहित हुई है और आय स्रोतों के बगैर मंदिरों का रख-रखाव व पूजा-अर्चना का कार्य ठीक से नहीं हो पा रहा है। आवर्ती निधि योजना के अंतर्गत अनुदान राशि के माध्यम से मंदिरों में पूजा अर्चना व रखरखाव के अलावा सी.सी.टी.वी. कैमरे इत्यादि लगवाए जा सकते हैं और अतिरिक्त एकमुश्त अनुदान लेकर मंदिर परिसर में आय का साधन बढ़ाने के लिए सराय, दुकान या अन्य परिसंपत्तियों का निर्माण करवाया जा सकता है।
जिला भाषा अधिकारी ने बताया कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध एवं कम से कम 50 वर्ष प्राचीन मंदिर अनुदान योजना के लिए पात्र हैं। दोनों योजनाओं के लिए पात्र हमीरपुर जिला की मंदिर समितियों के पदाधिकारी आवेदन के लिए निर्धारित प्रपत्र जिला भाषा अधिकारी कार्यालय से प्राप्त कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए कार्यालय के दूरभाष 01972-226065 एवं 94597-54630 पर संपर्क किया जा सकता है।