जल जीवन मिशन में हिमाचल अव्वल : महेंद्र सिंह
*जल शक्ति मंत्री ने हमीरपुर में की मिशन और विभाग की अन्य योजनाओं की समीक्षा
हमीरपुर / 19 अगस्त / न्यू सुपर भारत न्यूज़
जल शक्ति, राजस्व, बागवानी और सैनिक कल्याण मंत्री ठाकुर महेंद्र सिंह ने कहा है कि जल जीवन मिशन के तहत हर घर में नल लगाने एवं स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को साकार करने के लिए हिमाचल बड़ी तेजी से कार्य कर रहा है और इस मिशन में प्रदेश अभी तक देश भर में प्रथम स्थान पर है। बुधवार को यहां हमीर भवन में जल शक्ति विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए महेंद्र सिंह ने यह जानकारी दी। बैठक में जल जीवन मिशन और विभाग की अन्य योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गई।
ठाकुर महेंद्र सिंह ने कहा कि विभाग ने हमीरपुर सहित प्रदेश के 6 जिलों में जून 2021 तक हर घर में नल लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया है और अभी तक जिला लाहौल-स्पिति और अन्य जिलों के भी 2 विकास खंडों में यह लक्ष्य हासिल किया जा चुका है। हमीरपुर जिला के तीन विकास खंडों में दिसंबर तक और तीन अन्य खंडों में जून 2021 तक हर घर में नल लगा दिए जाएंगे। महेंद्र सिंह ने बताया कि 31 मार्च 2020 तक जिला के कुल 1,12,000 घरों में से 58,999 घरों में नल लगा दिए गए थे और इस वित वर्ष में अभी तक 13,527 नए नल लगाए जा चुके हैं।
जल शक्ति मंत्री ने बताया कि मिशन के अंतर्गत विभिन्न पेयजल योजनाओं पर बेहतर कार्य के कारण हिमाचल प्रदेश को केंद्र सरकार से तीसरी किश्त भी मिल जाएगी। इस वित वर्ष में प्रदेश को मिशन के तहत लगभग 1700 करोड़ रुपये मिलेंगे। महेंद्र सिंह ने अधिकारियों से कहा कि वे विभिन्न योजनाओं की टेंडर प्रक्रियाओं और अन्य औपचारिकताओं को तय समयसीमा में पूरा करें। इनमें अनावश्यक विलंब नहीं होना चाहिए। एक करोड़ रुपये तक के टेंडर 7 दिन में खुलने चाहिए तथा 14 दिन में कार्य आवंटित हो जाने चाहिए। पांच करोड़ तक के टेंडर 14 दिन में खुल जाएं और 7 दिनों में कार्य आवंटित हो जाएं। इससे अधिक धनराशि के टेंडर भी 14 दिन में खोल दिए जाने चाहिए तथा 14 दिन में इनके कार्य आवंटित हो जाने चाहिए।
मंडल और उपमंडल स्तर तक के अधिकारियों से विभिन्न पेयजल, सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण योजनाओं की प्रगति की रिपोर्ट तलब करते हुए जल शक्ति मंत्री ने कहा कि विभागीय अधिकारी विशेषकर कनिष्ठ अभियंता स्वयं साइट पर मौजूद रहें और निर्माण कार्यों की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखें।
उन्होंने कहा कि सिंचाई, बाढ़ नियंत्रण कार्यों एवं खड्डों के तटीयकरण के लिए भी हिमाचल को केंद्र सरकार की ओर से हजारों करोड़ की योजनाएं मंजूर की गई हैं। इसी महीने केंद्र सरकार ने देश के विभिन्न राज्यों की दस योजनाओं को मंजूरी प्रदान की है। इनमें से छह योजनाएं अकेले हिमाचल की हैं, जिनकी कुल लागत 7700 करोड़ से अधिक है। इनमें रेणुका बांध परियोजना भी शामिल है। इनके अलावा प्रदेश की विभिन्न नदियों एवं खड्डों की चैनलाइजेशन एवं बाढ़ नियंत्रण कार्यों की 5500 करोड़ की योजनाओं के प्रस्ताव केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय को भेजे गए हैं। केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय संभवत: इन योजनाओं को वर्ष 2021-24 के बड़े पैकेज में शामिल करके हिमाचल को धनराशि जारी करेगा।
महेंद्र सिंह ने कहा कि हमीरपुर जिला में भी सीर खड्ड, कुनाह, शुक्कर और अन्य खड्डों की चैनलाइजेशन की जाएगी। इनमें से सीर खड्ड के लिए लगभग 158 करोड़ रुपये की योजना पहले ही मंजूर हो चुकी है। उन्होंने अधिकारियों को अन्य खड्डों के लिए भी योजनाएं तैयार करने के निर्देश दिए।
महेंद्र सिंह ने विभागीय अधिकारियों को ब्यास नदी के लेफ्ट बैंक में आने वाले हमीरपुर जिला के इलाकों के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत सिंचाई परियोजनाओं की संभावनाएं तलाशने एवं डीपीआर बनाने के निर्देश भी दिए। जल शक्ति मंत्री ने कहा कि जिला में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना और बागवानी विभाग की शिवा परियोजना के तहत किसानों को सूक्ष्म सिंचाई योजनाओं के माध्यम से लाभान्वित किया जा सकता है। फील्ड में कार्य कर रहे विभाग के सभी कनिष्ठ अभियंता इस तरह की कम से कम एक-एक योजना का प्रस्ताव तैयार करें। सीवरेज योजनाओं की समीक्षा करते हुए महेंद्र सिंह ने बताया कि हमीरपुर शहर के वार्ड नंबर 11 के छूटे क्षेत्रों को भी सीवरेज लाइन से जोड़ा जाएगा। इसके लिए विभाग ने लगभग 46 लाख रुपये का प्रस्ताव तैयार किया है। इस पर शीघ्र ही कार्य आरंभ कर दिया जाएगा।
बैठक में जल शक्ति विभाग की अन्य योजनाओं पर भी विस्तार से चर्चा की गई। इस अवसर पर स्थानीय विधायक नरेंद्र ठाकुर ने भी महत्वपूर्ण सुझाव रखे, जबकि विभाग के मुख्य अभियंता देवेश भारद्वाज और अधीक्षण अभियंता दीपक गर्ग ने जल जीवन मिशन और विभिन्न पेयजल, सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण योजनाओं का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत किया। इस अवसर पर विभाग के सभी मंडलों के अधिशाषी अभियंता, सहायक अभियंता और कनिष्ठ अभियंता भी उपस्थित थे।