January 2, 2025

हमीरपुर – आवाहदेवी नेशनल हाइवे पर कहीं कीचड़ तो कहीं बने पानी के तालाब

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हमीरपुर / 30 दिसंबर / रजनीश शर्मा /

हमीरपुर से आवाहदेवी तक राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 3 (एनएच-3) के निर्माण का कार्य पिछले अढ़ाई साल से जारी है, लेकिन अब तक सड़क की हालत और भी खराब होती जा रही है। हाल की बारिश के कारण स्थिति और भी बिगड़ गई है, जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सड़क के कई हिस्सों में कीचड़ फैल चुका है, जबकि कुछ जगहों पर पानी के तालाब बन गए हैं। निर्माण कार्य में लापरवाही को लेकर स्थानीय लोग और जनप्रतिनिधि परेशान हैं, लेकिन कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हो रही है। अब लोगों ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों की चुप्पी को लेकर भी सवाल उठाना शुरू कर दिया है। उनकी मांग है कि सड़क निर्माण को युद्ध स्तर पर पूरा किया जाए।

सर्वाधिक खराब स्थिति वाले स्थान

हमीरपुर से आवाहदेवी तक सड़क के कई हिस्से जर्जर हो चुके हैं। सबसे खराब हालात कोट, ठाणा, दरकोटी, टौणी देवी बाजार, बारी मंदिर की चढ़ाई, कोल्हू सिद्ध, बराड़ा, पंजोत, समीरपुर और आवाहदेवी बाईपास के पास देखे जा सकते हैं। बारी मंदिर और कोल्हू सिद्ध में बड़े वाहनों के लिए सड़क पर निकलना अब जोखिम भरा हो गया है। वहीं, दरकोटी, टौणी देवी बाईपास और संगरोह बाईपास अभी भी अधूरे पड़े हुए हैं, जिससे लोगों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

गावर कंस्ट्रक्शन को ठेका, सूर्य कर रही निर्माण

नेशनल हाइवे नंबर 3 के खंड 141 किलोमीटर से लेकर 181 किलोमीटर तक (कुल 40 किलोमीटर), जो कि हमीरपुर से करनोहल तक है, का ठेका मैसर्स गावर कंस्ट्रक्शन लिमिटेड कंपनी को 22 जून, 2022 को दिया गया था। इस ठेके की कुल राशि 223.272 करोड़ रुपए है। यह कार्य ईपीसी (Engineering, Procurement and Construction) पद्धति से विश्व बैंक की ऋण सहायता से चल रहा है और इसे हरित राजमार्ग गलियारा परियोजना के तहत पूरा किया जा रहा है। परियोजना का लक्ष्य 20 दिसंबर, 2024 तक इस सड़क का निर्माण कार्य पूरा करना था, और इसके बाद अगले 5 साल तक कंपनी को सड़क का रखरखाव भी करना था। हालांकि, यह ठेका बाद में सूर्य कंस्ट्रक्शन कंपनी को सबलेट किया गया है, जिस पर कई सवाल उठ रहे हैं। इस निर्माणाधीन नेशनल हाइवे की ऑथोरिटी इंजीनियर एजेंसी, एल एन मालवीय इंफ्रा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड, पिछले अढ़ाई साल से कहीं भी सक्रिय नजर नहीं आई है।

क्या कहते हैं अधिकारी

इस मामले पर एनएचएआई के साइट इंजीनियर सुशील कुमार ने बताया कि निर्माण कंपनी को सड़क निर्माण कार्य को तेजी से पूरा करने के आदेश दिए गए हैं। वे डेंजर साइट्स को प्राथमिकता से सुधारने का काम कर रहे हैं। वहीं, निर्माण कंपनी के सुपरवाइजर श्रीकांत ने बताया कि टौणी देवी, बारी मंदिर और बराड़ा में सड़क की स्थिति को जल्द सुधारने का कार्य शुरू किया गया है।

लेकिन सवाल यह है कि जब निर्माण कार्य के लिए कड़ी समय सीमा तय की गई थी, तो फिर इतनी देरी और लापरवाही क्यों? लोग अब यह सवाल उठाने लगे हैं कि सड़क निर्माण में इतनी देरी के बावजूद जिम्मेदार अधिकारियों और कंपनियों के खिलाफ कोई सख्त कदम क्यों नहीं उठाए जा रहे हैं।

ग्रामीणों की शिकायतें

स्थानीय ग्रामीणों ने सड़क मार्ग के युद्ध स्तर पर निर्माण की मांग की है। उन्होंने कहा कि वे पिछले अढ़ाई साल से परेशान हैं, और अब उन्हें हर हाल में जल्द राहत चाहिए। उनके अनुसार, निर्माण की धीमी गति और लापरवाही के कारण उनका जीवन काफी प्रभावित हो रहा है।

ग्रामीणों के नाम: देशराज, भूमि राज, दलजीत, राजेश, राकेश, बलवंत चौहान, हंसराज, अनूप कुमार, संजीव कुमार आदि ने सड़क की स्थिति सुधारने की मांग की है।

अगर यह स्थिति ऐसे ही बनी रही तो आने वाले समय में सड़क हादसों की आशंका और भी बढ़ सकती है।

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