शिमला / 05 मार्च / न्यू सुपर भारत
हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने आज चंडीगढ़ के निकट स्थित आर्यन्स ग्रुप ऑफ कॉलेज राजपुरा के 10वंे दीक्षांत समारोह में 210 विद्यार्थियों को डिग्रियां प्रदान कीं। वह इस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित थे।
राज्यपाल ने इस अवसर पर विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि डिग्री प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को यह स्वयं निर्धारित करना होगा कि वे रोजगार ढंूढने वाले बनना चाहेंगे अथवा रोजगार प्रदाता बनना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि जीवन में सीखने की प्रक्रिया कभी समाप्त नहीं होती, बल्कि आज का यह दिन विद्यार्थी जीवन के उपरान्त नए लक्ष्यों को प्राप्त करने की शुरुआत है। उन्होंने इस अवसर पर विद्यार्थियों से नेतृत्व क्षमता विकसित करने और अवसरों को परखकर आगे बढ़ने का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि युवा देश की अमूल्य संपत्ति हैं तथा उन्हें राष्ट्र निर्माण कार्यों में आगे बढ़कर योगदान देना चाहिए। कोई भी राष्ट्र तभी विकसित हो सकता है, जब युवा ऊर्जा केन्द्रित, अनुशासित और विकासोन्मुखी हो। उन्होंने विद्यार्थियों से अनुशासन, देशभक्ति, ईमानदारी और लगन जैसे मूल्यों को विकसित करने का आग्रह किया।
राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि नई शिक्षा नीति छात्रों के सर्वांगीण विकास के उद्देश्य को पूरा करने वाली है। उन्होंने कहा कि भारतीय शिक्षा प्रणाली गुरुकुल परम्परा पर आधारित रही है, लेकिन वर्तमान शिक्षा प्रणाली डिग्री के बाद नौकरी की मांग करती है। अंततः हम जमीन से नहीं जुड़ पाते हैं। उन्होंने कहा कि केवल देश की युवा पीढ़ी ही इसमें परिवर्तन ला सकती है।
उन्होंने युवाओं को नवोन्मेषी विचारों के साथ आगे आने का आह्वान किया ताकि समाज को लाभान्वित किया जा सकेे। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को यह डिग्री प्राप्त करने में बहुत से लोगों का योगदान रहता है और अब उन्हें इसका उपयोग समाज के लाभ के लिए करना चाहिए।
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद, नई दिल्ली के उपाध्यक्ष डॉ. एम.पी. पुनिया ने कहा कि आज का आयोजन केवल दीक्षांत समारोह भर नहीं है, बल्कि जीवन में नई चुनौतियों का आरम्भ हैै।
आज के छात्र राष्ट्र का भविष्य हैं और हमें उन्हें अपने चुनिंदा क्षेत्रों में आगे बढ़ने में मदद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को आगे बढ़ने और जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए सही रवैया अपनाना होगा। उनमें सीखने की प्रवृति होने के साथ ही रचनात्मकता और सामाजिक समस्याओं पर विचार भी करना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों को एक अच्छा नागरिक बनने और स्वयं तथा राष्ट्र के गौरव के लिए दिन-रात मेहनत करने की सलाह भी दी।
महाराजा रणजीत सिंह विश्वविद्यालय भटिंडा के कुलपति डॉ. बूटा सिंह ने आर्यन्स समूह प्रबन्धन को बधाई देते हुए कहा कि केवल 100 विद्यार्थियों और एक महाविद्यालय से उन्होंने यहां शुरूआत की और आज वे अभियांत्रिकी, विधि, प्रबन्धन, नर्सिंग, फार्मेसी, डिग्री, शिक्षा, पैरामैडिकल सहित 8 महाविद्यालयों के माध्यम से 4 हजार से अधिक विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर रहे हैं।
जम्मू एवं कश्मीर के जनजातीय मामलों के सचिव डॉ. शाहिद इकबाल चौधरी ने भी इस अवसर पर अपने विचार रखे।
आर्यन्स ग्रुप ऑफ कॉलेज के अध्यक्ष डॉ. अंशु कटारिया ने राज्यपाल का स्वागत किया और शैक्षणिक सत्र का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत किया।
आर्यन्स कॉलेज के महानिदेशक डॉ. प्रवीण कटारिया ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर संस्थान के संस्थापक प्रो. रोशन लाल कटारिया व रजनी कटारिया सहित प्रबन्धन से जुड़े अन्य अधिकारी व गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।