झज्जर / 06 नवंबर / न्यू सुपर भारत
डीसी कैप्टन शक्ति सिंह ने कहा कि एनसीआर सहित जिला झज्जर में बढ़ता प्रदूषण हम सबके लिए चिंता का विषय है, इससे निपटने के लिए जिलावासी सरकार और जिला प्रशासन द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन करें, ताकि प्रदूषण की समस्या से निपटा जा सके। उन्होंने कहा कि प्रदूषण फैलाने वाले बहुत घटक हैं,जिन पर आपसी सहयोग से रोक लग सकती है। उन्होंने कहा कि पराली और प्रदूषण से निपटने के लिए सरकार द्वारा प्रभावी रूप से कदम उठाए जा रहे हैं, हमें आपसी सहभागिता से पराली और प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए कार्य करना है।
सरकार फसल अवशेष प्रबंधन को दे रही बढ़ावा
उन्होंने प्रदेश सरकार द्वारा पराली से होने वाले प्रदूषण की समस्या के स्थाई समाधान के लिए फसल अवशेष प्रबंधन को बढ़ावा दिया जा रहा है,जिसके तहत धान की पराली ना जलाकर उसका दूसरी जगह उपयोग करने वाले किसानों को प्रति एकड़ एक हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जा रही है। साथ ही अवशेषों के प्रबंधन के लिए उपकरणों की खरीद पर भी 50 प्रतिशत सब्सिडी और कस्टम हायरिंग सेंटर्स पर 80 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान किया है। इतना ही नहीं पराली की गांठ बनाने के कृषि उपकरणों पर भी किसानों को सब्सिडी दी जा रही है।
गौशालाओं को पराली पहुंचाने पर 15 सौ रूपये की प्रोत्साहन राशि
डीसी कैप्टन शक्ति सिंह ने बताया कि सरकार एथेनाल संयंत्रों को पराली सौंपने पर 2 हजार रुपये प्रति एकड़,तथा गौशालाओं को पराली पहुचाने के लिए 15 सौ रूपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जा रही है। वहीं पराली निपटारे से संबंधित मशीनरी के लिए परिचालन शुल्क का भुगतान किया जा रहा है। उन्होंने किसानों का आह्वान किया कि वे पराली के समुचित उपयोग के लिए फसल अवशेष प्रबंधन को बढ़ावा दें, जिससे पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिले और वातावरण को दूषित होने से बचाया जा सके।