जिला सिरमौर राजगढ़ के दूर दराज पझोता क्षेत्र के गाँव पटेना में गौ माता की उई दर्दनाक मौत को लेकर रोष ।
राजगढ़ / 15 फरवरी / पवन तोमर
जिला सिरमौर राजगढ़ के दूर दराज पझोता क्षेत्र के गाँव पटेना में गो सदन में गौ माता की जो दर्दनाक मौत हुआ है उस विषय पर सरकार का रवैया बहुत निराशाजनक रहा है। गोवंश का ये हाल बहुत ही संवेदनशील हैं और सरकार न जाने क्यों इस मुद्दे पर संजीदा नही है यह आरोप ज़िला कांग्रेस महासचिव राजेंद्र ठाकुर ने प्रदेश सरकार पर लगाया है। ठाकुर ने कहा की जहां प्रदेश सरकार गौमाता और हिंदुत्व कों मुद्दा बनाकर सत्तासीन हुए थे हर जगह गो माता को आगे रख कर चुनाव मैदान में लड़े थे पर आज उनकी स्तिथि सबके सामने है उनकी कथनी और करनी में अंतर साफ नज़र आ रहा है हाल ही में विकास खंड की उप तहसील पझौता के ग्राम पंचायत धनच मानवा के पटेना गांव में निजी गौशाला में रखे गौ वंश के मरने व मरे हुये गौ वंश को खुले मे फेकने का मामला सामने आया है, पशुओं के मरने और मरे पशुओं को खुले में फैंके जाने पर स्थानीय लोगों ने इसका विरोध करना आरभ कर दिया है ।
स्थानीय लोगों ने इसकी वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में वायरल कर दी। इस मुद्दे पर राजेन्द्र ठाकुर का कहना है कि यहा गौ वंश के मरने का सिलसिला काफी पहले से चल रहा है पहले तो एक दौ गौ वंश मरते थे मगर अब एक साथ काफी मात्रा मे गौ वंश मरने व उन्है खुले मे फेकने से क्षेत्र के लोगो मे रोष फैल गया और स्थानीय लोगो ने इस सारे मामले की विडियो बना कर वायरल कर दी लेकिन प्रदेश सरकार के मुख्या इस बारे ठोस कदम नहीं उठा रहे है जबकि उन्हें चाहिय था की इस मामले की निष्पक्ष जाँच के आदेश दे लेकिन प्रदेश सरकार इस मामले पर चुपी साधे हुए है यह बात जनता की समज से परे है अभी तक यह बात समज में नहीं आ रही है की आखिर गो वंश की मोत केसी हुई मरने का कारन भूख है या कुछ और ?राजेन्द्र ठाकुर ने बताया की जब प्रदेश सरकार इन गो वंश के लिय कोई उचित व्यवस्था नहीं कर सकती तो जगह जगह गो शालाओ को कियूं चलाया जा रहा है |
राजेन्द्र ठाकुर ने आरोप लगाया कि पशुओं को मरने के बाद साथ के खड्ड में फेंक दिया जाता है। जिससे लोगों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है, पशुओं को पर्याप्त मात्रा में चारा नहीं दिया जाता है। जिसके चलते भूख के कारण हर रोज पशु मर रहे है। राजेन्द्र ठाकुर ने बताया की जहा तक सुनने में आया है उस गौशाला के संचालक राजैद्र अत्री ने अपनी लगभग 60 लाख रुपए की राशि लगाकर गौसदन खोला है। जहां करीब 259 आवारा पशुओं को रखा गया है। दर्जन व्यक्ति इसकी देखरेख के लिए रखे गए है।लेकिन सरकार गो वंश के लिय चारा भी उपलब्ध नहीं करवा सकती है यह बात बहुत चिंता का विषय बनी हुई है | जब एकसाधारण व्यक्ति अपनी निजी कमाई से निस्वार्थ भाव से आवारा घूम रहे गो वंश को बचाने के लिय इतने प्रयास कर सकता है तो सरकारे कियूं नहीं कर सकती है ?