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गोवा के मुख्यमंत्री डा0 प्रमोद सांवत पहुंचे गांव बडौला

अम्बाला / 28 सितम्बर / न्यू सुपर भारत

गोवा मुक्ति आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले शहीद करनैल सिंह बैनीपाल की धर्मपत्नी चरणजीत कौर को बुधवार को गोवा के मुख्यमंत्री डा0 प्रमोद सावंत ने बडौला गांव में आकर उन्हें सम्मानपूर्वक सम्मानित किया। इस सम्मान की घोषणा सरकार ने आजादी का अमृत महोत्सव और गोवा के मुक्ति के 60 साल मनाते हुए की थी। इस मौके पर गोवा के मुख्यमंत्री डा0 प्रमोद सांवत ने चरणजीत कौर को 10 लाख रूपये की राशि का चैक भी प्रदान किया तथा उन्हें श्रीफल, स्मृति चिन्ह व प्रमाण पत्र देकर उनका आशीर्वाद भी प्राप्त किया।

इस मौके पर उनके साथ अम्बाला शहर के स्थानीय विधायक असीम गोयल नन्यौला भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री श्री सांवत ने इस मौके पर परिजनों की मांग पर गोवा स्थित पात्रादेवी बार्डर की मुख्य सडक़ का नाम शहीद करनैल सिंह बैनीपाल के नाम से रखने की भी बात कही और यह भी कहा कि वहां पर उनकी प्रतिमा भी स्थापित की जायेगी।

गोवा के मुख्यमंत्री डा0 प्रमोद सांवत ने शहीद करनैल सिंह बैनीपाल की पत्नी चरणजीत कौर का आशीर्वाद लेते हुए अपने सम्बोधन में कहा कि सन 1955 में गोवा मुक्ति आंदोलन में जिन्होंने अपनी सक्रिय भूमिका निभाई है, ऐसे सभी लोगों को आजादी के अमृत महोत्सव काल के तहत सम्मानित करने का काम किया जा रहा है। गोवा में 15 अगस्त को आयोजित कार्यक्रम में ऐसे सभी लोगों को सम्मानित करने का काम किया गया है जिनमें शहीद करनैल सिंह बैनीपाल के परिजन भी शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में चरणजीत कौर के भाई गुरचरण सिंह व उनकी भाभी कुलवंत कौर पहुंची थी और उन्होंने गांव बडौला में आने का उन्हें निमंत्रण दिया था। उन्होंने कहा कि इसी निमंत्रण के तहत वे आज यहां पहुंचे हैं और उन्हें चरणजीत कौर का आशीर्वाद मिला है जिसके लिए वे अपने आप को सौभाग्यशाली मानते हैं। इस मौके पर उन्होंने शहीद करनैल सिंह बैनीपाल द्वारा गोवा मुक्ति आंदोलन में अपनी सक्रिय भूमिका निभाने के लिए उन्हें अपनी श्रद्धांजली भी दी।
मुख्यमंत्री डा0 प्रमोद सांवत ने यह भी कहा कि भारत को आजादी 15 अगस्त 1947 को मिल गई थी, लेकिन गोवा आजाद नहीं हो पाया था।

गोवा को आजाद करने के लिए संघर्ष चल रहा था। इसी के तहत मध्यप्रदेश की सरोजनी देवी तिरंगा हाथों में लेकर पात्रादेवी बार्डर से गोवा के लिए निकली थी तो उस दौरान पुर्तगालियों ने उस पर गोलियों से हमला कर दिया था। इस दौरान करनैल सिंह बैनीपाल सबसे पीछे थे और उन्होंने आगे आकर तिरंगे को अपने हाथ में लिया और पुर्तगालियों द्वारा चलाई गई गोली से वे शहीद हो गये। उन्होंने यह भी कहा कि अंग्रेजी हकुमत में जलिवांला हत्याकांड में सबसे ज्यादा अत्याचार हुए थे और उसके बाद पुर्तगालियों द्वारा पात्रादेवी बार्डर व गोवा के आस पास काफी अत्याचार हुए थे। मुख्यमंत्री के नाते शहीद करनैल सिंह बैनीपाल के बलिदान को स्मरण करने व चरणजीत कौर का आशीर्वाद लेना उनका कत्र्तव्य बनता है।

इसी कडी में आज गोवा सरकार व वहां की लोगों की ओर से यहां आकर उन्होंने चरणजीत कौर को सम्मानपूर्वक सम्मानित करने का काम किया है। गोवा सरकार चरणजीत कौर के साथ हमेशा है। जो भी मदद या कोई बात परिजनों द्वारा उनके संज्ञान में लाई जायेगी उसके लिए वे हमेशा उनके साथ है। आजादी के अमृत महोत्वस काल के तहत गोवा मुक्ति आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले ऐसे सभी लोगों को सम्मानित करने में गोवा सरकार हमेशा आगे रहेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आहवान पर  अमृत महोत्सव काल के तहत अनसंग वीरों को सम्मानित करने का जो कार्य किया जा रहा है वह काफी सराहनीय है।

पत्रकारों द्वारा पूछे गये एक प्रश्न का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि गोवा मुक्ति आंदोलन में जिन्होंने सक्रिय भूमिका निभाई है ऐसे सभी लोगों के नाम से गोवा के प्राईमरी स्कूलों का नाम रखे जाने का काम किया जा रहा है।इससे पहले मुख्यमंत्री डा0 प्रमोद सांवत ने चरणजीत कौर, उसके भाई गुरचरण सिंह, भाभी कुलवंत कौर, परमजीत बडौला, महेन्द्र सिंह व अन्य से मिलकर परिवार का कुशलक्षेम भी पूछा और शहीद करनैल सिंह द्वारा गोवा मुक्ति आंदोलन में भूमिका निभाने के लिए उनके बलिदान की भी सराहना की।

इस मौके पर अम्बाला शहर के स्थानीय विधायक असीम गोयल नन्यौला ने मुख्यमंत्री गोवा डा0 प्रमोद सांवत का स्वागत किया व शहीद करनैल सिंह की पत्नी चरणजीत कौर का आशीर्वाद प्राप्त किया। उन्होंने कहा कि शहीद करनैल सिंह बैनीपाल ने गोवा मुक्ति आंदोलन में अपने प्राणों को न्यौछावर करके देश व अम्बाला जिले के गांव बडौला का नाम रोशन करने का काम किया है। उन्होने कहा कि शहीद करनैल सिंह अनसंग हीरो हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हरियाणा श्री मनोहर लाल ने आज यहां आना था लेकिन उनका दुबई में कार्यक्रम था।

उन्हीं के निर्देशानुसार वे आज यहां आए हैं और उन्होंने मुख्यमंत्री की ओर से गांव के प्राईमरी स्कूल का नाम चरणजीत कौर व शहीद करनैल सिंह के नाम से रखे जाने की बात कही। इसके लिए उन्होने कहा कि ग्राम पंचायत एक प्रस्ताव पास करे और साथ ही यहां पर स्कूल के प्रांगण में शहीद करनैल सिंह की प्रतिमा भी स्थापित की जायेगी। उन्होंने कहा कि करनैल सिंह द्वारा गोवा मुक्ति आंदोलन में बलिदान का जो कार्य किया गया है वह काफी सराहनीय है। उन्होंने तिरंगा हाथ में लेकर अपने प्राणों को न्यौछावर किया है। शहीद करनैल सिंह बैनीपाल के जाने के बाद सादगी रूप से चरणजीत कौर द्वारा अपने जीवनकाल को जीया जा रहा है उसके आगे हिमाचल की उंची चोटी भी कम है।

उन्होने गोवा सरकार द्वारा शहीद करनैल सिंह बैनीपाल का सम्मान करते हुए उनकी धर्मपत्नी का आज जो सम्मान किया है उसके लिए गोवा के मुख्यमंत्री डा0 प्रमोद सांवत का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि चरणजीत कौर व परिजनों के साथ हरियाणा सरकार हमेशा खड़ी है। जो भी कार्य या अन्य बात उनके संज्ञान में लाई जायेगी उसे भी पूरा करवायेंगे।

सरदार करनैल सिंह बेनिपाल भारत को स्वतंत्रता प्राप्त होने के बाद गोवा को पुर्तगाली शासन से मुक्त देखना चाहते थे। इस बीच गोवा की मुक्ति के लिए काम करने वाले पुणे स्थित एक संगठन गोवा विमोचन सहायक समिति ने 15 अगस्त 1955 को गोवा की सीमा पार करके सामूहिक सत्याग्रह का फैसला किया। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से भी मदद मांगी। तदनुसार, सत्याग्रहियों को समूहों में विभाजित किया गया। एक समूह ने पतरादेवी बॉर्डर से गोवा में प्रवेश करने की कोशिश की, जबकि दूसरे ने पोलेम बॉर्डर और कैस्टलरॉक बॉर्डर के माध्यम से दक्षिण गोवा में प्रवेश करने की योजना बनाई।

पतरादेवी में अन्य साथियों के साथ सत्याग्रहियों के समूह का नेतृत्व करते हुए मध्य प्रदेश की एक युवा विधवा सहोद्रा देवी राय भारतीय तिरंगा पकड़े हुए थी। जैसे ही उनके समूह ने गोवा में प्रवेश की कोशिश की तो सहोद्रा देवी को रोकने के प्रयास में उन पर गोली चला दी गई। इस मौके पर पंजाब के इसडू गांव के 25 वर्षीय सरदार करनैल सिंह बेनिपाल आगे आए और पुलिस को महिलाओं पर हमला करने के बजाय उन पर गोली चलाने की चुनौती दी। उन्हें भी गोवा की सीमा पर पतरादेवी में गोली मार दी गई थी और वे एक शहीद हो गए।

परिजनों ने इस मौके पर गोवा के मुख्यमंत्री व हरियाणा के मुख्यमंत्री द्वारा शहीद करनैल सिंह बैनीपाल के बलिदान का सम्मान करते हुए उनकी पत्नी को सम्मानपूर्वक सम्मानित करने जो काम किया जा रहा है उसके लिए उनका तहे दिल से आभार व्यक्त किया। इसके साथ-साथ भाई गुरचरण सिंह द्वारा दिए गये गांव बडौला में आने के निमंत्रण को पूरा करने के लिए उनका धन्यवाद किया। परिजनों व अन्य गणमान्य लोगों ने मुख्यमंत्री गोवा डा0 प्रमोद सांवत व विधायक असीम गोयल का यहां पहुंचने पर उन्हें शाल भेंट कर उनका स्वागत किया।

एंटी टेरिस्ट फ्रंट के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं ब्राहमण महासभा के अध्यक्ष विरेश शांडिल्य ने गोवा के मुख्यमंत्री डा0 प्रमोद सांवत का यहां पहुंचने पर स्वागत किया और नवरात्रों की बधाई देते हुए उन्हें माता की चुनरी व देवी माता का चित्र तथा शहीदे आजम भगत सिंह का भी चित्र भी भेंट किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में शहीदों व उनके परिजनों का जो सम्मान किया जा रहा है वह काबिलेतारीफ है।

मुख्यमंत्री गोवा डा0 प्रमोद सांवत ने आज शहीद करनैल सिंह बैनीपाल की पत्नी चरणजीत कोर का जो सम्मान किया है वह भी सराहनीय है।
इस मौके पर उपायुक्त डा0 प्रियंका सोनी, अतिरिक्त उपायुक्त सचिन गुप्ता, एसडीएम डा0 बलप्रीत सिंह, तहसीलदार मनीष, डीएसपी रमेश कुमार, एंटी टेरिस्ट फं्रट के राष्ट्रीय अध्यक्ष विरेश शांडिल्य, परमजीत बडौला, महेन्द्र सिंह व अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे

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