November 24, 2024

अष्टादश श्लोकों पर केंद्रित रहेगा 2022 का गीता महोत्सव : डीसी

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झज्जर / 22 नवंबर / न्यू सुपर भारत

डीसी कैप्टन शक्ति सिंह ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव-2022 झज्जर जिला मुख्यालय स्थित महर्षि दयानंद सरस्वती स्टेडियम में 2 से 4 दिसंबर तक गरिमामयी ढंग से मनाया जाएगा,इसके लिए संबंधित विभागों के अधिकारी आपसी समन्वय के साथ कार्य करें और साथ ही कार्यक्रम में सामाजिक औऱ धार्मिक संगठनों का भी सहयोग लिया जाए, ताकि कार्यक्रम को भव्य रूप दिया जा सके।

डीसी मंगलवार को लघु सचिवालय स्थित सभागार में तीन दिवसीय गीता महोत्सव की तैयारियों के मद्देनजर संबंधित विभागों के अधिकारियों और विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों की बैठक को संबोधित कर रहे थे।डीसी ने कहा कि इस बार का गीता महोत्सव पूर्ण रूप से गीता के 18 अध्यायों पर उनकी शिक्षाओं पर आधारित रहेगा, जिसमें आमजन को गीता से आधारित बेहतरीन प्रस्तुति देखने को मिलेंगी।

उन्होंने कहा कि गीता महोत्सव में विभिन्न सामाजिक,धार्मिक संगठनों के अलावा सभी सरकारी व प्राइवेट विद्यालयों और संबंधित विभागों की सक्रिय भागीदारी रहेगी, जो गीता महोत्सव को शानदार बनाते हुए  दर्शकों का मन मोह लेंगे। उन्होंने संबंधित विभागों के अधिकारियों को अपने अपने विभागों से जुड़ी योजनाओं की स्टाल लगाने के निर्देश दिए। साथ ही पॉलीथीन मुक्त झज्जर बनाने के लिए सामाजिक संगठनों से सहयोग का आहवान किया।

डीसी कैप्टन शक्ति सिंह ने कहा कि गीता श्रेष्ठ मानव जीवन का सार है एवं रोजमर्रा के जीवन में गीता पर आधारित संदेशों का महत्व इस गीता महोत्सव में विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियों द्वारा जन-जन तक पहुंचाया जाएगा। गीता में ज्ञान योग, कर्म योग,भक्ति योग, राज योग का वर्णन है, जो आज के बदलते सांस्कृतिक मूल्यों में अपना एक विशेष महत्व रखते हैं।

श्रीमद्भागवत गीता से मिलती है निस्वार्थ भाव से काम की प्रेरणा
डीसी कैप्टन शक्ति सिंह ने कहा कि गीता महोत्सव में जीवन जीने की सीख मिलेगी। गीता महोत्सव में धर्म-अधर्म, नारी सम्मान, इच्छाओं एवं कामनाओं पर नियंत्रण,  कर्म की महत्वता, गुस्से पर काबू, देखने का नजरिया (ज्ञान और कर्म को एक रूप में देखना), मन पर नियंत्रण, स्वयं का आकलन, अनुशासन, स्वयं का निर्माण, हर काम का फल मिलता है, व्यर्थ कुछ नहीं जाता, अभ्यास का महत्व, विश्वास के साथ विचार,

पूर्णता से कार्य करना-काम में ढूंढे खुशी, अत्याधिक मोह पतन का कारण आदि पहलुओं पर  समूह गान, राधा कृष्ण नृत्य, कृष्ण वंदना, समूह नृत्य, एकल अभिनय, एकल नृत्य, श्लोकाचारण, भजन, गीता सार नृत्य नाटिका, लघु नाटिका, गीता संवाद आदि के माध्यम से प्रकाश डाला जाएगा और जीवन जीने की सीख देते हुए मार्गदर्शन किया जाएगा।

जिला प्रशासन द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों की दृढ़ता से होगी पालना  
कार्यक्रम की ओवर आल इंचार्ज एवं एडीसी सलोनी शर्मा ने  जिला में गीता महोत्सव को लेकर तीन दिनों तक चलने वाले कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने  जिला स्तरीय गीता महोत्सव से संबंधित कार्यक्रमों की रूपरेखा से संबंधित अधिकारियों व सामाजिक-धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों को अवगत कराया। जिला प्रशासन द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों की अनुपालना भी सुनिश्चित करते हुए प्रभावी ढंग से गीता महोत्सव को संपन्न कराने के लिए डीसी कैप्टन शक्ति सिंह को आश्वस्त किया।

उन्होंने बताया कि तीन दिवसीय महोत्सव पूर्ण रूप से गीता के उपदेशों की महत्ता आज के परिवेश में कितनी कारगर है, के आधारभूत सांस्कृतिक मंच को ध्यान में रखकर सजाया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस तीन दिवसीय महोत्सव में राजकीय व निजी विद्यालयों की संयुक्त भागीदारी रहेगी और सभी धार्मिक, सामाजिक संगठनों की सहभागिता के साथ भव्य ढंग से महोत्सव को मनाया जाएगा।

इन अधिकारियों और गणमान्य लोगों की रही उपस्थिति
बैठक में डीएमसी जगनिवास, जिला परिषद के सीईओ प्रदीप कौशिक, बादली के एसडीएम विशाल कुमार, सीटीएम परवेश कादियान, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी सुभाष भारद्वाज, पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन नरेंद्र सिंगरोहा, जनस्वास्थ्य विभाग के कार्यकारी अभियंता रूपेश चंद्र, नगर परिषद झज्जर के ईओ अरुण नांदल,

इस्कॉन संस्था से विक्रम माहेश्वरी, चंद्र चारू दास, ब्रह्मकुमारी से बीके संतोष, बीके भावना, सरस्वती विद्या मंदिर बेरी के प्राचार्य अनिल कुमार, भीमेश्वरी देवी मंदिर बेरी से कुलदीप वशिष्ठ, पतंजलि समिति से राजीव आर्य योग विशेषज्ञ डा. अंजू अग्रवाल, समाजसेवी गोपाल गोयल, मंडल अध्यक्ष केशव सिंघल सहित विभिन्न सामाजिक और धार्मिक संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

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