शिमला / 24 जुलाई / न्यू सुपर भारत
गेयटी थियेटर में आज अंशुमन कुठियाला द्वारा लिखित कविताओं का विमोचन एवं उन कविताओं पर आधारित चित्रकला प्रदर्शनी का उद्घाटन वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार प्रकाश चंद लोहमी द्वारा किया गया।
इस अवसर पर उन्हांेने कहा कि अंशुमन की कविताओं में सामाजिक समरसता व सजगता का प्रवाह देखने को मिलता है। उन्होंने कहा कि इनके द्वारा लिखी गई कविताओं मंे परिपक्वता का भाव विद्यमान है। उन्होंने कहा कि कविताओं में निहित सामाजिक सारोकार को कलाकारों द्वारा तुलिका के माध्यम से विशिष्ट रूप से उकेरा गया है, जिससे यह मिलन अद्भुत और उत्कृष्टता का परिचय देता है।
उन्होंने कहा कि लेखक के विचारों में सामाजिक ध्वनि होनी आवश्यक है तभी अधिक से अधिक लोग उसे ग्रहण करते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे राष्ट्र के प्राचीन कवियों व लेखकों ने अपनी लेखनी के माध्यम से सामाजिक चिंतन को प्रबल करने का प्रयास किया है, जिससे उनकी रचनाएं कालजयी साबित हुई है।
उन्होंने अंशुमन कुठियाला को बधाई देते हुए अपने इस पड़ाव को और आगे बढ़ाने के लिए निरंतर परिश्रम व लगन से कार्य करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने गेयटी थियेटर में कोरोना काल के उपरांत और गुरू पूर्णिमा के दिन इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए आयोजकों का साधुवाद व्यक्त किया।
इस अवसर पर अंशुमन कुठियाला ने सभी का स्वागत करते हुए बताया कि कविताओं पर आधारित चित्रकला के परस्पर मेल का विचार उन्हें गेयटी थियेटर के टेवरन हाॅल में चित्रकला प्रदर्शन के दौरान पनपा, जिसे आज मूर्त रूप दिया गया है। उन्होंने चित्रकला के रूप में कविताओं को केनवस पर उकेरने के लिए बैंगलोर की कलाकार अनुश्रीदास और शिमला की नितिका दोल्टा का आभार व्यक्त किया। नितिका दोल्टा ने इस अनुभव को अत्यंत श्रेष्ठ बताया।
इस अवसर पर अंशुमन की नानी जयश्री ने अंशुमन व आयोजकों को शुभ आशीष प्रदान की।
इस अवसर पर कला, साहित्य, पत्रकार व बौद्धिक वर्ग के अनेक गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए और शब्द और तुलिका के परस्पर मेल का अवलोकन व आनंद प्राप्त किया।