गांव बाड़ा बेशक छोटा गांव है लेकिन दुसरों के लिए बन कर उभरा है प्रेरक और अनुकरणीय

अम्बाला / 25 मई / न्यू सुपर भारत
कोरोना काल हम सबके लिये किसी चुनौती से कम नही है। सरकार और प्रशासन तो अपने सार्थक प्रयास जारी रखे हुए है लेकिन कुछ गांव ऐसे भी हैं, जहां पर लोगों ने स्वंय कोरोना से दो-दो हाथ करने का निर्णय पहले ही ले लिया था। इसका सम्बन्धित गांवो का फायदा भी हुआ है। ऐसे ही गांवों में से एक है अम्बाला जिला के छावनी क्षेत्र का गांव बाड़ा।
आज इस गांव में एक भी कोरोना का मरीज नही है। कुछ समय पहले एक व्यक्ति पॉजिटिव आया था और अब वह भी ठीक हो गया है। गांव के लोगों ने आपसी तालमेल के साथ गांव के प्रवेश द्वार पर ठीकरी पहरा बैठा रखा है। कोई भी बाहरी व्यक्त गांव में निर्देशों की अनुपालना के बिना प्रवेश नही कर सकता। आने-जाने वालों का नाम,नम्बर और वाहन का नम्बर रजिस्टर में नोट किया जाता है।
इस संदर्भ में जब गांव के पूर्व सरपंच और असरदार व्यक्तित्व विकास बहगल से बातचीत की गई तो उन्होंने बताया कि समूचा गांव सैनिटाइज करवा दिया गया है और जहां जरूरत पडती है, वहां पुन: सैनिटाईज करवाया जा रहा है। अब तक गांव में चार बार सैनिटाइजेशन कार्यक्रम किया गया है। पूरी पंचायत का टीकाकरण हो गया है, जिसमें पूर्व सरपंच, पंच, चौकीदार, नम्बरदार व स्वीपर इत्यादि शामिल हैं। गांव के दो प्रवेश द्वार है, एक उगाड़ा गांव की तरफ से और दूसरा गंाव ठरवा की तरफ से।
दोनो प्रवेश द्वारों पर बल्लियां लगाकर गांव के व्यक्ति पहरा देते हैं। मास्क के साथ-साथ सैनिटाइजर की व्यवस्था भी की गई है। समूचे गांव को सुरक्षा कवच प्रदान करने के लिये सरकार द्वारा जारी निर्देशों की पालना की जा रही है। गांव में इस समय एक भी व्यक्ति कोरोना पॅाजिटिव नही है। गांव की कुल आबादी 2500 है। साठ वर्ष की आयु से उपर के सभी 119 लोगों को वैक्सीन लग चुकी है। यदि गांव में किसी को खाद्य सामग्री की जरूरत पड़ती है तो वह उपलब्ध करवा दी जाती है।
पूर्व सरपंच ने यह भी बताया कि यदि किसी व्यक्ति में कोरोना जैसे लक्षण दिखाई पड़ते हैं तो गांव में एक हाल है, उस व्यक्ति को उस हाल में क्वारंटीन कर दिया जाता है। गांव में एक एचडब्ल्यूसीए, दो एएनएम और 6 आंगनवाड़ी वर्कर हैं, जो समूचे गांव की देखरेख में सहयोग कर रही हंै। गांव के लोगों का भी आपस में अच्छा तालमेल है और एक -दूसरे का सहयोग कर रहे हैं। डॉक्टरों की टीम द्वारा समय-समय पर स्कैनिंग, टैस्टिंग का काम भी जारी है।
उल्लेखनीय है कि यह गांव वह गांव है, जहां पर समूचे हरियाणा प्रदेश में सबसे पहले आयुष वैलनेस सेंटर की स्थापना हुई थी। इस प्रकार यह गांव वैलनेस सेंटर शुरू करने वाला प्रदेश का पहला गांव है। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गत वर्ष ऑनलाईन वी.सी. के माध्यम से भारत के 10 गांवो में आयुष वैलनेस सेंटर की शुरूआत की थी, जिसमें गांव बाड़ा भी शामिल था।
गांव में आयुर्वेदिक औषधालय भी है, जहां से सभी गांव वासियों को आयुर्वेदिक औषधियां और काढ़ा जरूरत अनुसार वितरित किया जाता है। हरियाणा के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के क्षेत्र का यह गांव कोरोना काल में अलग तरह से अपनी उपस्थिति का अहसास करा रहा है।