बच्चा गोद लेने के लिए सरकारी कानूनों की पालना अवश्य करें : जगदीश शर्मा
फतेहाबाद / 23 नवंबर / न्यू सुपर भारत
उपायुक्त जगदीश शर्मा ने बुधवार को लघु सचिवालय स्थित उपायुक्त कार्यालय में बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया बारे जिलावासियों को जागरूक करने के लिए जिला बाल संरक्षण व संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। इस मौके पर उपायुक्त श्री शर्मा ने स्वयं हस्ताक्षर कर महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित बच्चा गोद लेने के लिए जागरूकता अभियान की शुरूआत की।
उन्होंने बताया कि महिला एवं बाल विकास विभाग, हरियाणा द्वारा बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया आरंभ की गई है। इस कड़ी में जिला में भी यह प्रक्रिया जारी रहेगी। इस प्रक्रिया में बच्चा गोद लेने के लिए राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त दत्तक एजेंसियों के जरिए ही गोद ले सकते हैं। उन्होंने बताया कि गोद लेने के लिए सरकारी कानूनों की पालना अवश्य करें। किशोर न्याय (बच्चों की देखबाल एवं सरक्षण) लेने के लिए केयरिंग वेबसाइट पर दिए गए निर्देशों को ध्यानपूर्वक पढ़े और निर्दिष्ट प्रक्रिया का पालन करें।
वेबसाइट www.care.nic.in पर अपना सफल ऑनलाइन पंजीकरण के लिए सटीक कदम उठाए। ऑनलाइन पंजीकरण करते समय अपने सही दस्तावेज अपलोड करें। इसके अतिरिक्त अन्य कानून जैसे हिन्दू दत्तक तथा भरण पोषण अधिनियम, 1956 आदि के तहत बच्चा गोद लेने के लिए तहसीलदार कार्यालय में संपर्क करें।
उपायुक्त श्री शर्मा ने यह भी बताया कि बच्चा गोद लेने के लिए राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त दत्तक एजेंसियों के गोद लेने में किसी बिचौलिए या दलाल की कोई भूमिका नहीं है। वे आपको गैर कानूनी तरीके से बच्चा गोद लेने के लिए बहला सकते हैं। गोद लेने के लिए सीधे किसी व्यक्ति, गैर कानूनी संस्था, मैटरनिटी होम, हस्पताल व नर्सिंग होम आदि से संपर्क न करें।
किशोर न्याय अधिनियम 2015 की धारा 80 व 81 के अनुसार अनअधिकृत स्त्रोत व गैर कानूनी तरीके से गोद लेने पर आपके खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही भी की जा सकती है। नागरिक गलत दस्तावेज अपलोड ना करें। ऐसा करने पर आपका आवेदन रद्द किया जा सकता है। केयरिंग वेबसाइट डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू डॉट सीएआरई डॉट एनआईसी डॉट आईएन दिए गए निर्देशों में निर्दिष्ट शुल्क के अलावा कोई भुगतान नहीं किया जाएगा।
पात्रता मानदंड की जानकारी देते हुए उपायुक्त श्री शर्मा ने बताया कि एक ऐसे दंपत्ति को बच्चे का दत्तक ग्रहण करने की अनुमति तब तक नहीं दी जा सकती है जब तक उनके वैज्ञानिक संबंध कम से कम दो वर्ष तक रहे हों, बिना विवाह के साथ रहने वाले दंपत्तियों को बच्चे के दत्तक ग्रहण की पात्रता नहीं है, बच्चा गोद लेने के लिए माता-पिता दोनों की रजामंदी आवश्यक है, एक अकेली महिला किसी भी लिंग के बच्चे को गोद ले सकती है, दत्तक ग्रहण करने वाले संभावित माता-पिता के पास बच्चे की अच्छी परवरिश के लिए पर्याप्त वित्तीय संसाधन होने चाहिए,
दत्तक ग्रहण करने वाले माता-पिता का स्वास्थ्य अच्छा होना चाहिए और उन्हें कोई संक्रमक या गंभीर रोग या मानसिक या शारीरिक स्थिति ऐसी नहीं होनी चाहिए जो उसे बच्चे की देखभाल से रोक सके, दूसरे बच्चे के दत्तक ग्रहण की अनुमति तभी दी जाती है तब प्रथम बच्चे के लिए कानूनी रूप दत्तक से दत्तक ग्रहण की प्रक्रिया को अंतिम रूप दे दिया गया हो परंतु यह भाई-बहनों के मामले में लागू नहीं है। एक अविवाहित या अकेले पुरूष को बालिका के दत्तक ग्रहण की अनुमति नहीं है। दो या दो से अधिक बच्चों के अभिभावक बच्चा गोद नहीं ले सकते।
आवश्यक दस्तावेजों की जानकारी देते हुए बाल संरक्षण अधिकारी सुरजीत सिंह ने बताया कि आवेदन के साथ वांछित दस्तावेज की तीन-तीन प्रतियां संलग्र करनी होगी। पीएपी द्वारा दो स्वयं सत्यापित प्रतियों सहित मूलरूप से दस्तावेजों की आवश्यकता होगी। उन्होंने बताया कि आवेदन करने के लिए पहचान का प्रमाण जैसे मतदाता कार्ड या पैन कार्ड या पासपोर्ट या ड्राइविंग लाइसेंस, भारत का निवास दर्शाने वाले प्रमाण, जो 365 दिनों से अधिक हो,
विवाह प्रमाण पत्र, परिवार की तस्वीर (दत्तक ग्रहण करने वाले परिवार की पोस्ट कार्ड साइज की हाल ही में ली गई तस्वीर), पंजीकरण मेडिकल प्रेक्टिशनर द्वारा यह प्रमाणित करते हुए स्वास्थ्य प्रमाण पत्र की पीएपी को किसी प्रकार की संक्रामक या अंतिम अवस्था की बिमारी या ऐसी कोई मानसिक स्थिति नहीं है, जिससे वह बच्चे की देखभाल ना कर सके,
किन्हीं दो दोस्तों का प्रमाण पत्र जिसमें यह लिखा हो कि दंपत्ति बच्चे की सही देखभाल करेंगे, आय प्रमाण पत्र तथा पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट दस्तावेज साथ संलग्र करने होंगे। उन्होंने बताया कि अधिक जानकारी के लिए नागरिक पुरानी कचहरी रोड स्थित जिला बाल संरक्षण इकाई कार्यालय के दूरभाष नंबर 01667-222606 पर संपर्क कर सकते हैं।