फतेहपुर / 28 सितम्बर / रीता ठाकुर
हमेशा से कर्मचारियों की लड़ाई लड़ते हुए उन्हें हक दिलबाने के रूप में जाने जाने बाले पूर्ब सांसद भाजपा डॉक्टर राजन सुशांत अब न्यू पैंशन स्कीम के विरोध में खुलकर उतर आए हैं ।इसी के तहत सोमवार को तहसील परिसर फतेहपुर के समक्ष पूर्ब सांसद ने न्यू पैशन स्कीम के तहत आने बाले मौजूदा ब रिटायर्ड कर्मियों के साथ बैठ कर शान्तिपूर्बक धरना दिया ।
धरना स्थल पर न्यू पैंशन स्कीम के दायरे में आने बाले कार्यरत ब रिटायर्ड कर्मियों को संबोधित करते पूर्ब सांसद भाजपा डॉक्टर राजन सुशांत ने कहा देश में दो तरह की सरकार होती है एक अस्थायी सरकार जोकि 5 साल के लिये चुनी जाती है जैसे कि विधायक ,सांसद औऱ दूसरी स्थाई सरकार जो 58 ,60 ब 65 बर्ष की उम्र तक चुने होते हैं जैसे कि अधिकारी , कर्मचारी लेकिन बड़े खेद का विषय है कि नेतृत्ब की कमी कारण आज अस्थाई सरकार स्थाई सरकार पर भारी पड़ रही है ।उन्होंने बताया उन्होंने न्यू पैंशन स्कीम की सभी बारीकियां जानकर ही इसके विरोध में उतरने का निर्णय लिया था ।
बताया जब उन्होंने निर्णय लिया तो सबसे पहले अपनी विधायक ब सांसद के रूप में मिलने बाली पैंशन को छोड़ दिया ताकि न्यू पैंशन स्कीम के तहत आने बाले कर्मचारियों को राहत दिलबा पाऊं ।कहा आप लोगों के लिये पुरानी पैंशन स्कीम बहाल करबाने के लिये अगर मुझे कड़े से कड़ा संघर्ष भी करना पड़ा तो भी मैं पीछे नही हटूंगा । उन्होंने न्यू पैंशन स्कीम के तहत आने बाले कर्मचारियों को न्यू पैंशन स्कीम की नोटिफिकेशन के बारे में बताते कहा नोटिफिकेशन में प्रदेश सरकारों को न्यू पैंशन स्कीम लागू करने के लिये स्बतंत्र छोड़ रखा था ।फिर भी हिमाचल सरकार ने जल्दबाजी दिखाते हुए इसे अन्य कुछ राज्यों से पहले ही लागू कर दिया ।उन्होंने जयराम सरकार को सलाह दी कि अगर आपकी सरकार कर्मचारियों के लिये पुरानी पैंशन स्कीम बहाल नही कर सकती तो विधायकों को भी न्यू पैंशन स्कीम के दायरे में लाने की हिम्मत दिखाये ।
उन्होंने नाम लिये बगैर कुछ एक विधायकों पर निशाना साधा की कुछ पूर्ब विधायकों की चल ब अचल सम्पति करोड़ों क्या अरबों में है फिर भी बो अपनी पैंशन छोड़ने का साहस नही कर पा रहे हैं ।इस मौके पर न्यू पैंशन स्कीम के तहत आते रिटायर्ड कर्मचारी सरदारी लाल ,नरदेब सिंह ,प्रीतम सहित अन्य उपस्थित रहे ।
फोटो कैप्शन -न्यू पैंशन स्कीम के तहत आते कर्मचारियों को संबोधित करते डॉक्टर राजन सुशांत ।