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आजाद हिंद फौज के सिपाही के परिवार पर नही बरसी रहमत

हिन्द फ़ौज के सिपाही की बीरनारी, बेटा व प्रमुख समाजसेबी सहित अन्य प्रैस बार्ता दौरान

फतेहपुर / 14 अगस्त / रीता ठाकुर 

जिला कांगड़ा के उपमंडल फतेहपुर की पंचायत स्थाना से आजाद हिंद फौज के सिपाही के  परिबार पर अभी तक भी शासन ब प्रशासन रहमत नही बरसा पाया है। बता दें अभी तक भी आजाद हिंद फौज के सिपाही का परिबार सुबिधाओं से बंचित रहा है। बात करते हैं स्थाना पंचायत के स्थाना गांव से स्वर्गीय प्रीतम सिंह की तो प्रीतम सिंह परिबार के सदस्यों ब कागजात अनुसार आजादी से पूर्ब सन 1941 में भर्ती हुआ था। जो भर्ती होने के बाद आजाद हिंद फौज में शामिल हो गया था ब सन 1946 में घर आ गया था व जिसकी मृत्यु सन 1955 में हो भी गई। लेकिन अभी तक उसके जीवित रहते व मरणोपरांत उसके परिबार को कोई भी सहायता नही मिल पाई। स्बर्गीय प्रीतम सिंह के बेटे रूप लाल ने बताया उन्होंने कई बार भारत सरकार व प्रदेश सरकार के साथ -साथ स्थानीय बिधानसभा प्रतिनिधिओं के साथ पत्राचार भी किया लेकिन हर जगह से उन्हें आश्बासन ही मिलते रहे। कहा जहां तक पंचायत ने भी उनके परिबार को आर्थिक मदद मिले इसके लिये अनापति प्रमाण पत्र भी दिए गए है। लेकिन फिर भी न तो भारत सरकार और न ही प्रदेश सरकार ने उन्हें अभी तक राहत पहुचाई है।

बताया पत्राचार दौरान बैंगलूर से सन 1987 में मात्र 300 रु राहत परिबार तक पहुंची है। वहीं 95 बर्षीय हिन्द फ़ौज सिपाही की बीरनारी सुमित्रा देबी जो कान से सुन नही सकती हैं। आज भी उनकी आंखें उन पत्राचार के कागजों को देखकर फथरा जाती हैं। वहीं आजाद हिंद फौज के सिपाही की परिबारिक स्थिति देख प्रमुख समाजसेबी संजय शर्मा उर्फ बड़का भाऊ ने उक्त परिबार को उसका हक दिलबाने की ठान ली है। संजय शर्मा उर्फ बड़का भाऊ ने कहा उक्त परिबार को न्याय दिलबाने के लिए उन्हें अगर शिमला या दिल्ली भी जाना पड़ा तो भी वह हिन्द फ़ौज के सिपाही के परिबार को न्याय दिलबाने से पीछे नही हटेंगे।

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