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निजी स्कूलों के संगठन ने सरकार से लगाई आर्थिक सहायता की गुहार

प्रेस कॉन्फ्रेंस करते फिनजा पदाधिकारी सामूहिक चित्र में।

फतेहपुर / 2 अगस्त / रीता ठाकुर

फिनजा प्राइवेट स्कूलों के संगठन ने रविवार को रैहन में एक प्रेस वार्ता की जिसमें उन्होंने निजी स्कूलों को आ रही समस्याओं को लेकर सरकार को शीघ्र आगे आ कर आर्थिक मदद की अपील की, संगठन प्रधान नरेंद्र मनकोटिया ने कहा कि कोविड -19 के चलते निजी स्कूलों की स्थिति बहुत दयनीय हो गई है अब तो स्थिति ऐसी है कि स्टाफ को आधा वेतन देना भी नामुमकिन सा लग रहा है क्योंकि अब स्कूलों में फीस बहुत कम आ रही है। उन्होंने सरकार से आर्थिक सहायता की गुहार लगाई है।

स्कूल बसों के सारे कर माफ करे सरकार
फिनजा संगठन कोषाध्यक्ष अजय पठानिया ने कहा कि स्कूलों की खड़ी बसों की स्थिति दिनों दिन खराब होती जा रही है। उन्होंने बताया कि बसों को दोबारा जब चलाया जाएगा तब तक इनकी मरमत पर ही लाखों का खर्च आएगा दूसरा सरकार ने खड़ी बसों के करों को लेकर अभी कोई अधिसूचना जारी नही की है। उन्होंने सरकार से गुहार लगाई की प्राइवेट बसों की तर्ज पर स्कूल बसों के भी पूरे कर माफ किए जाएं। 

शिक्षा बोर्ड की दोहरी नीति हमारी समझ से परे है। फिनजा संगठन मीडिया प्रभारी राम कुमार वर्मा ने बताया कि एक तरफ स्कूल शिक्षा बोर्ड स्कूल में  किसी भी कमर्शियल गतिविधियां ना चलाने को कहता है दूसरी ओर आए दिन स्कूलों को किताबें लेने के लिए दवाव बनाया जा रहा है जोकि सरासर गलत है उन्होंने कहा कि हम किसी भी प्रकार की किताबें या अन्य सामग्री स्कूल में  नही बेचते । उन्होंने कहा कि बच्चे अपनी इच्छा से किसी भी दुकान से किताबें ले सकते हैं जिसके लिए हम उन्हें बाध्य नही करते।

सभा सदस्य देवेंद्र ठाकुर से पूछे प्रश्न पर उन्होंने कहा कि आए दिन जो लोग सोशल मीडिया पर राष्ट्र निर्माता के रूप में जाने जाने वाले अध्यापक पर अभद्र टिप्पणीयां करते हैं हम उसकी निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि यह उन लोगों को मिले संस्कारों को दर्शाता है।

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