किशोरावस्था निरंतर विकास व परिवर्तन की चुनौती पूर्ण उम्र : अनिल मलिक
फतेहाबाद / 29 अगस्त / न्यू सुपर भारत
हरियाणा राज्य बाल कल्याण परिषद की राज्य स्तरीय परियोजना बाल सलाह परामर्श व कल्याण केंद्रों की स्थापना के अंतर्गत गांव दरियापुर स्थित आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में किशोरावस्था की चुनौती-परिवर्तन की समझ के साथ जीवन लक्ष्य निर्धारण विषय पर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन कियाग या। सेमिनार को मुख्य वक्ता के तौर मंडलीय बाल कल्याण अधिकारी रोहतक एवं राज्य नोडल अधिकारी अनिल मलिक ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि परिवर्तन अटूट सत्य है और यहीं प्रकृति का नियम है। उम्र के पड़ाव की अपनी एक विशेषता होती है इसी तरह किशोरावस्था निरंतर विकास व परिवर्तन की चुनौती पूर्ण उम्र है।
उन्होंने कहा कि आज का किशोर युवा सेल्फाइटिस डिसऑर्डर यानी रोजाना चार-पांच सेल्फी लेना और सोशल मीडिया पर डालना, फेसबुक डिप्रेशन यानी पोस्ट पर लाइक ना आए तो अवसाद में आ जाना जैसी स्थितियों से गुजर रहा है। वक्त रहते किशोर युवा मन की समझ रखते हुए उनके पास पहुंचकर निरंतर सही और गलत मुद्दों के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता है। मानव जीवन में संतुष्टि जरूरी है और उसके लिए आवश्यक बदलाव भी जरूरी है। किसी भी क्षेत्र किसी भी कार्य के प्रति किसी भी तरह की सोच निर्मित करने हेतु पहला कदम बढ़ाना सबसे कठिन होता है। उन्होंने कहा कि युवाओं को खुद को सशक्त बनाना होगा। अपने एटीट्यूड और खुद की ताकत को काम में लाएं, बेहतर कार्य योजना बनाकर बेकार के भारी बोझ को उठाएं ना घूमे
कार्यक्रम की संयुक्त अध्यक्षता करते हुए स्कूल निदेशक दर्शन मेहता व प्रिंसिपल अंजली मेहता ने कहा कि मनोवैज्ञानिक परामर्श सेवाओं से किशोर युवा मन को सकारात्मक दिशा प्रदान की जा सकती है। माता-पिता, शिक्षकों और बच्चों के मध्य एक मजबूत कड़ी का काम भी मनोवैज्ञानिक प्रेरणा के माध्यम से संभव है। कार्यक्रम में परामर्शदात्ता नीरज कुमार, अश्वनी शर्मा, साहिल आदि मौजूद रहे।