फतेहाबाद / 22 अगस्त / न्यू सुपर भारत
उपायुक्त प्रशांत पंवार की अध्यक्षता में मंगलवार को लघु सचिवालय के सभागार में प्राकृतिक आपदा (बाढ़) व अधिक वर्षा से हुए नुकसान के आंकलन बारे अधिकारियों के साथ एक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में उपायुक्त प्रशांत पंवार ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जिला में प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की वेरिफिकेशन युद्ध स्तर पर करें और आगामी दस दिनों तक आंकलन कर उपायुक्त कार्यालय को रिपोर्ट प्रस्तुत करें। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि दस दिनों के अंदर-अंदर पानी निकासी के उचित प्रबंध करें।
उपायुक्त प्रशांत पंवार ने संबंधित अधिकारियों से प्राकृतिक आपदा से जिला में हुए नुकसान के बारे में विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने कहा कि जिला के जिन-जिन क्षेत्रों में खेतों में जो पानी का ठहराव है, उसकी निकासी के प्रबंध करें। किसानों की धान, कपास आदि फसलों, मकान, ढाणी, पशुओं, ट्यूब्वैल व अन्य संपत्तियों के नुकसान की भरपाई के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर आवेदन करवाया जाए। इस संबंध में अधिकारी नागरिकों को जागरूक करें। उन्होंने बताया कि प्राकृतिक आपदा (बाढ़) से फसल, मकान, ढाणी, पशुओं, ट्यूब्वैल व अन्य संपत्तियों हुए नुकसान के मुआवजा हेतू सरकार द्वारा क्षतिपूर्ति पोर्टल का नया स्वरूप लॉंच किया गया है।
नागरिक अपने नुकसान के मुआवजा के लिए 25 अगस्त तक इस पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं।
उपायुक्त प्रशांत पंवार ने बताया कि ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर फसल खराबा के आवेदन से पूर्व किसान को सबसे पहले मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर अपना पंजीकरण करवाना अनिवार्य है। अन्य नुकसान के आवेदन हेतू ईक्षतिपूर्ति डॉट हरियाणा डॉट आईएन पोर्टल पर अपने परिवार पहचान पत्र के माध्यम से आवेदन 25 अगस्त तक किया जा सकता है। उपायुक्त ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को भी निर्देश दिए है कि वे प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान के मुआवजा के लिए नागरिकों को जागरूक करें कि वे मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल और ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपना आवेदन करें।
इस दौरान उपायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि मलेरिया व डेंगू से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ तालमेल कर पंचायत विभाग व शहरी स्थानीय निकाय विभाग फोगिंग करवाए। उपायुक्त ने कहा कि संबंधित एसडीएम अपने-अपने क्षेत्र में पानी निकासी व प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान की वेरिफिकेशन का कार्य जल्द करवाए।
बैठक में सिंचाई व पंचायत विभाग के अधिकारियों ने पानी के ठहराव व उसकी निकासी के बारे में जानकारी दी। कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जिला में दो लाख 18 हजार हैक्टेयर में धान की बिजाई हुई, जिसमें से एक लाख 6 हजार हैक्टेयर बाढ़ से प्रभावित हुई है। 27 हजार हैक्टेयर में कपास की फसल प्रभावित हुई है। उन्होंने बताया कि 90 हजार हैक्टेयर में किसानों द्वारा पुन: धान की बिजाई की गई है। इस अवसर पर एसडीएम राजेश कुमार, प्रतीक हुड्डा, जगदीश चंद्र, सीटीएम सुरेश कुमार, डीडीपीओ बलजीत सिंह चहल, सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता ओपी बिश्रोई, एक्सईएन केसी कंबोज, डीडीए डॉ. राजेश सिहाग, डीएफएससी विनीत गर्ग, संबंधित तहसीलदार, बीडीपीओ, नायब तहसीलदार आदि मौजूद रहे।