*डीसी ने भी बैठक लेकर पराली जलाने की घटनाओं की रोकथाम व विभिन्न पहलुओं की समीक्षा की
फतेहाबाद / 3 सितंबर / न्यू सुपर भारत न्यूज़
हरियाणा की मुख्य सचिव केसनी आनंद अरोड़ा ने पराली जलाने की घटनाओं की रोकथाम तथा फसल अवशेष प्रबंधन की दिशा में विभिन्न जिलों द्वारा किए गए विभिन्न पहलुओं की समीक्षा की और निर्देश दिए कि उपायुक्त किसानों को पराली न जलाने बारे ज्यादा से ज्याद जागरूक करें। जागरूकता अभियान में जन प्रतिनिधियों को भी जोड़ा जाएं। वे वीरवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से प्रदेश के सभी उपायुक्तों व कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अधिकारियों को संबोधित कर रही थीं।
मुख्य सचिव केसनी आनंद अरोड़ा ने हॉट स्पॉट एरिया में कस्टम हायरिंग सैंटर बनाकर उन्हें मशीनें उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए और कहा कि जहां पराली प्रबंधन की मशीनें उपलब्ध है, उनका सही तरीके से उपयोग हो और उसकी लगातार मॉनिटरिंग भी की जाएं। बैठक में उन्होंने जिलावार समीक्षा करते हुए सभी उपायुक्तों व कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अधिकारियों से पराली प्रबंधन की दिशा में ताजा जानकारी ली और उन्हें जरूरी दिशा निर्देश दिए। उन्होंने सभी उपायुक्त ने यह भी कहा कि वे पराली के उपयोग वाले उद्योगों की सूची का अध्ययन करें और उन उद्योगों का किसानों से संपर्क भी करवाएं ताकि उद्योग किसानों से पराली खरीद लें। इस कार्य में उद्योग विभाग कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के साथ तालमेल से काम करें और किसानों की पराली बिकवाना भी सुनिश्चित करें।
वीडियो कॉन्फ्रेंस से पहले उपायुक्त डॉ. नरहरि सिंह बांगड़ ने वीरवार को लघु सचिवालय के सभागार में आयोजित बैठक के दौरान जिला में फसल अवशेष प्रबंधन तथा पराली जलाने की घटनाओं की पूर्णतया: रोकथाम के कार्यों की समीक्षा की और कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अधिकारियों से पराली प्रबंधन की दिशा में किए जा रहे कार्यों के बारे में विस्तार से जानकारी ली और जरूरी दिशा निर्देश दिए। बैठक में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग तथा पुलिस विभाग ने बताया कि पिछले वर्ष 2019 में जिला में पराली जलाने की घटनाओं से संबंधित 491 मामले दर्ज किए गए थे, जिनमें से 481 मामलों में चालान पेश है तथा शेष बचे हुए दस मामलों पर शीघ्रता से कार्यवाही करते हुए चालान पेश कर दिए जाएंगे।
उपायुक्त ने कहा कि प्रदूषण पर नियंत्रण रखने के लिए जिला में पूरी सख्ती और गंभीरता के साथ काम किया जाएं। पराली जलाए जाने की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए किए गए प्रयास रूकने नहीं चाहिए और इस दिशा में कोई सख्त कदम भी उठाने पड़े, तो उसमें भी देरी न की जाएं। उन्होंने कहा कि एनजीटी व माननीय उच्चतम न्यायालय के दिशा निर्देशों की हर हाल में कड़ाई से अनुपालना होनी चाहिए। लोगों में जागरूकता पैदा करके उन्हें यह समझाया जाए कि वे पराली को न जलाएं और इसका प्रबंधन करें। फसल अवशेष प्रबंधन की दिशा में संबंधित विभाग के अधिकारी व कर्मचारी इसकी गंभीरता को समझते हुए कार्य करें। कृषि विभाग, प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड, राजस्व विभाग व जिला विकास एवं पंचायत विभाग के अधिकारीगण आपसी में तालमेल बनाकर एक टीम वर्क की भावना से कार्य करें। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग व संबंधित विभाग विभिन्न प्रचार माध्यमों होर्डिंग्स, जागरूकता वाहन, बैनर्स, नुक्कड़ नाटक आदि का प्रयोग कर लोगों को फसल अवशेष प्रबंधन बारे जागरूक करें। कृषि विभाग जिला के अनेक लोगों व समूहों को पराली प्रबंधन के लिए कृषि उपकरण अनुदान पर उपलब्ध करवाए जाने बारे भी आवश्यक कार्यवाही पूर्ण करें।
बैठक में एसपी राजेश कुमार, एडीसी अजय चोपड़ा, डीएमसी सम्वर्तक सिंह, नगराधीश अनुभव मेहता, एसडीएम कुलभूषण बंसल, नवीन कुमार, डीडीपीओ बलजीत सिंह चहल, डीडीए राजेश कुमार, डीआरओ राजेश कुमार ख्यालिया, सीएमजीजीए ज्योति यादव, डीआईओ सिकंदर, डीएसपी सुभाष बिश्रोई, तहसीलदार विजय मोहन सियाल, जीएम डीआईसी जेसी लांग्यान, आदि मौजूद रहे।