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उपायुक्त डॉ. बांगड़ ने किया गांव बड़ोपल में काला हिरण बाहुल्य इलाके का निरीक्षण


-कहा, प्रशासन जिला में दुर्लभ वन्य प्रजातियों के संरक्षण को लेकर मुस्तैद
-दुर्लभ वन्यजीवों के कुदरती प्रयावासों के संरक्षण का किया जाएगा प्रयास


फतेहाबाद, 7 अक्टूबर / न्यू सुपर भारत न्यूज़


उपायुक्त डॉ. नरहरि सिंह बांगड़ ने बुधवार को जिला के गांव धांगड़, बड़ोपल, काजलहेड़ी व कुम्हारिया आदि क्षेत्रों का दौरा कर सफाई व्यवस्था का जायजा लिया। उन्होंने इस दौरान बड़ोपल स्थित कालाहिरण बाहुल्य इलाके का भी निरीक्षण किया। अलसुबह डॉ. बांगड़ हिरणों के प्रयावास में पहुंचे और हिरणों के व्यवहार, रहन-सहन का भी अवलोकन किया। कालाहिरण अलग-अलग ग्रुपों में घूम रहे थे, एक सबसे बड़ा ग्रुप देखा गया, जिसमें 50 से अधिक मादा कालाहिरण, शावक और एक प्रभावशाली नर विचरण कर रहे थे।


उपायुक्त डॉ. बांगड़ ने देखा कि प्रभावशाली नर काला हिरण अपने परिवार की सुरक्षा के प्रति हर जिम्मेवारी निभा रहा था और अन्य युवा नर हिरणों को अपने ग्रुप के पास आने से रोक रहा था। इसके अलावा युवा मादाएं और शावक हिरण सुबह-सुबह कुलांछे भरते हुए मस्ती कर रहे थे। नर हिरण जो युवा थे उनके सिंग छोटे थे और उनका शरीर काला नहीं था, वो अलग गुप में विचरण कर रहे थे। कुछ परिपक्व नर कालेहिरण अपने चिन्हित इलाकों में बैठे थे।


उपायुक्त ने नागरिकों से अपील की है कि हमें वन्यजीवों से उतरदायित्व का निर्वहन व सामाजिक जिम्मेवारियां निभाना सिखना चाहिए। बिश्नोई समाज की तर्ज पर सर्वसमाज से अपील की है कि वे दुर्लभ वन्यजीवों के संरक्षण के लिए आगे आएं। समुदाय आधारित संरक्षण से ही सकारात्मक और चिरस्थाई परिणाम आते है। सर्वसमाज वन्यजीवों प्रति जागरूक होगा तो ही आने वाली पीढिय़ा इलाके में स्वच्छंद विचरण करते हुए वन्यजीवों को देख पाएगी अन्यथा फोटो देखकर ही जीवों के बारे में कल्पना करेंगे। हरियाणा के संरक्षित क्षेत्रों से बाहर भी फतेहाबाद जिलें में कई दुर्लभ वन्यजीवों जैसे राजकीय पशु कालाहिरण, चिंकारा हिरण, मरूस्थलीय लोमड़ी, जंगली बिल्ली, शाही, नेवला, गीदड़, कई प्रजातियों के सांप, मॉनिटर लिजर्ड, राष्ट्रीय पक्षी मोर, राज्य पक्षी काला तीतर, पपीहा, तोते की कई प्रजातियां इत्यादि सामुदायिक सहयोग से ही सुरक्षित है।

जिला प्रशासन वन्यजीवों के संरक्षण को लेकर बेहद संजिदा है और जिलें में वन्यजीवों के लिए खतरनाक ब्लैडनुमा धारदार तारों की बाड़बंदी पर प्रतिबन्ध लगाया हुआ है। जिला के गांव काजलहेड़ी, ढाणी माजरा व धांगड़ के सामुदायिक संरक्षित क्षेत्रों के लिए मैनेजमेंट कमेटी गठित की जा रही है। इसके अलावा शिकार की घटनाओं को लेकर भी प्रशासन पुरी तरह मुस्तैद है। उपायुक्त डॉ. बांगड़ ने मौके पर उपस्थित अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा के प्रदेशाध्यक्ष विनोद कड़वासरा से हिरणों के व्यवहार, इनकी सुरक्षा और विदेशी निकालने बारे चर्चा की। आवारा मांसाहारी कुत्तें जो हिरणों का शिकार करते हंै, उनकी समस्या के निदान बारे भी विचार विमर्श हुआ। उन्होंने विनोद कड़वासरा सहित अन्य ग्रामीणों की वन्य जीव, पशु, पक्षियों के निवर्हन व सामाजिक जिम्मेवारियों को निभाने बारे सराहना भी की। प्रत्येक व्यक्ति को वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए अपने कत्र्तव्यों का पालन करना चाहिए।

फोटो कैप्शन (गांव बड़ोपल स्थित कालाहिरण बाहुल्य इलाके का निरीक्षण करते उपायुक्त डॉ. नरहरि सिंह बांगड़।

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