November 25, 2024

फसल अवशेष को जलाने पर जिलाधीश डॉ. बांगड़ ने लगाया प्रतिबंध

0


फतेहाबाद / 8 अप्रैल / न्यू सुपर भारत


जिलाधीश डॉ. नरहरि सिंह बांगड़ ने दंड प्रक्रिया नियमावाली 1973 की धारा 144 द्वारा प्रदत्त शक्तियों के अंतर्गत आदेश पारित करके जिला में तुरंत प्रभाव से रबी फसल (गेहूं/सरसों) की कटाई के बाद बचे अवशेष/भूसे को जलाने पर पूर्णतया प्रतिबंध लगा दिया गया है। ये आदेश आगामी 31 मई 2021 तक प्रभावी होंगे।


जिलाधीश डॉ. बांगड़ द्वारा जारी आदेशों में कहा गया है कि जिला की सीमा में गेहूं व सरसों फसल की कटाई के बाद बचे हुई अवशेष/भूसे को जलाने से उत्पन्न धुआं आसमान में चारों ओर फैल जाता है, जिससे आमजन के स्वास्थ्य के लिए घातक है। आगजनी होने पर मानव जीवन तथा सम्पत्ति को होने वाली हानि की संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता।

फसल की कटाई के बाद बचे अवशेषों को जलाने से पशुओं के चारे की कमी होने की संभावना रहती है। भूसे/फसल के अवशेष को जलाने से भूमि के मित्र कीट मर जाते हैं, जिससे भूमि की उर्वरक शक्ति कम होने से फसल की पैदावार पर भी प्रभाव पड़ता है।

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल, नई दिल्ली के आदेशानुसार फसल के अवशेष जलाने पर प्रतिबंध हेतू निर्देश जारी किए गए हैं, जिसके अंतर्गत जुर्माने का भी प्रावधान है। जिलाधीश ने अपील करते हुए कहा कि गेहूं की पराली व उनके अवशेषों को न जलाएं। इन आदेशों की अवहेलना में यदि कोई व्यक्ति दोषी पाया जाता है तो भारतीय दंड संहिता की धारा 188 संपठित वायु एवं प्रदूषण नियंत्रक अधिनियम 1981 के तहत दंड का भागी होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *