फतेहाबाद / 18 अप्रैल / न्यू सुपर भारत
चौधरी मनीराम गोदारा गवर्नमेंट कॉलेज फॉर विमेन, भोडिया खेड़ा में मत्स्य अधिकारी डॉ. राजेंद्र कुमार ने झींगा खेती पर आयोजित व्याख्यान में कहा कि झींगा की खेती समय की मांग है।
हरियाणा में झींगा की खेती लाहली (रोहतक) में शुरू की गई थी। झींगा की खेती खारे पानी में की जा सकती है। यह उन किसानों के लिए आय का एक अच्छा स्रोत हो सकता है, जहां पानी खारा है और अन्य फसलों की खेती नहीं की जा सकती है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा में लिटोपेनियस वन्नामेई (सफेद टांगों वाली झींगा) प्रजाति की सफलतापूर्वक खेती की जाती है। खेती को बनाए रखते हुए पीएच, तापमान, चारा और शिकारी जीवों के संबंध में दैनिक आधार पर तालाबों पर कड़ी नजर रखनी होगी।
उन्होंने बताया कि अगर सावधानी से खेती की जाए तो किसान झींगे की खेती को अपनाकर 15-20 लाख रुपये कमा सकते हैं। डॉ. राजेंद्र कुमार ने शिक्षकों और विद्यार्थियों को इस तरह के व्याख्यान आयोजित करने के लिए प्रोत्साहित किया। इस मौके पर डॉ. लखबीर कौर, जूलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. विजय सिंह आदि मौजूद रहे।