मंडी / 18 नवंबर / राजन पुंछी //
जंगली जानवर, पक्षी व आवारा पशुओं द्वारा मचाई जा रही तबाही से आज किसान इतने बेबस हो चुके है कि किसानी छोडऩे पर आज सारे किसान मजबूर हो रहे हैं। पत्रकारवार्ता करते हुए हिमाचल किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष करमु राम ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन और खेतीबाड़ी घटती जा रही है। जिसके चलते छोटे किसान व पशुपालक किसानी छोड़ कर मजदूरी करने को बाध्य हो रहे हैं। यहां पत्रकारों से बात करते हुएकरमु राम ने कहा कि आज गांव-गांव के छोटे-छोटे किसानों की स्थिति सुखद नहीं है। उन्होंने कहा कि गांव के लाखों छोटे किसान जो अपनी ही भूमि पर से अपने परिवार की साल भर के लिए अन्न की जरूरत पूरी किया करता था।
मगर आज किसानी छोड़ मज़दूरी करने की कगार पर खड़ा है। आज के हालात में किसान खेतीबाड़ी करके अपने परिवार का पेट नहीं पाल सकता है। हालात यहां तक है कि जो बीज़ बोया जाता है उतना भी वापिस नहीं आ पा रहा है। उसी प्रकार पशुधन घटता जा रहा है। उन्होंने कहा कि हिमाचल किसान यूनियन किसानों पर आए इस संकट को सरकार के समक्ष प्रमुखता से उठाएगी। उन्होंने कहा कि किसानों की सुविधा के लिए लाखों करोड़ रूपए की धनराशि सरकार की ओर से आ रही है। इसके बावजूद किसानों की दशा में सुधार नहीं हो रहा है।
किसानों को घटिया बीज खाद की समस्या, कृषि औजारों की कमी, कमीशन खोरी की शिकायतें आ रही है। वहीं पर कृषि विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों का किसानों के साथ सीधा संपर्क न होने से किसी प्रकार की जानकारी उपलब्ध नहीं हो पा रही है। हिमाचल किसान यूनियन उपरोक्त सभी मुद्दों को आने वाले समय में सरकार के समक्ष उठाकर इसके समाधान का प्रयास करेगी। इस अवसर पर करमु राम ,चेत राम, शिव राम, परम देव ,दुनी चंद, बालक राम ,खूब राम, अमर सिंह ,तेज सिंह, इंद्र सिंह, सतीश कुमार , कांशी राम, दलीप कुमार, देव राज, कृष्ण कुमार, मेहर सिंह,परमा नंद, कर्म चंद ,मस्त राम,लाभ सिंह , माया देवी , दुनी चंद मौजूद रहे। 18एमएनडी7 मंडी में पत्रकारों से बात करते हुए करमु राम व अन्य।