फतेहाबाद / 9 नवंबर / न्यू सुपर भारत
धान की पराली एवं फसली अवशेषों को जलाना कानूनी अपराध है तथा यह सामाजिक बुराई एवं अभिशाप है। इस बुराई एवं अभिशाप को मिटाने के लिए सभी किसान व हर आदमी अपना सहयोग करें। यह बात कृषि तथा किसान कल्याण विभाग के विशेष सचिव डॉ. मुनीष नागपाल ने बुधवार को गांव पालसर, धौलू सहित विभिन्न गांवों के किसानों के खेतों में उपस्थित किसानों व नागरिकों से कही। उन्होंने कहा कि पराली जलाना पूरी मानवता के लिए खतरा है। जिला फतेहाबाद को पराली जलाने से मुक्त करना है, इस कार्य में किसान व आमजन अपना पूर्ण सहयोग दें। सरकार व जिला प्रशासन लगातार किसानों से पराली नहीं जलाने की अपील कर रहा है तथा इसे एक जन आंदोलन का रूप देना है।
विशेष सचिव डॉ. नागपाल ने कहा कि पराली जलाना एक अभिशाप व सामाजिक बुराई है। उन्होंने कहा कि हमें मिलकर इस अभिशाप को मिटाना है। कृषि विभाग द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन पर प्रोत्साहन राशि दी जा रही है, जिसमें फसल अवशेष को मिट्टी में मिलाने के साथ-साथ उसकी गांठे बनाने पर भी किसान को एक हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। उन्होंने किसानों से पराली नहीं जलाने की अपील की। डॉ. नागपाल ने कहा कि कृषि विभाग के अधिकारियों तथा प्रशासनिक अधिकारियों का नागरिक सहयोग करें। उन्होंने कहा कि पराली जलाए जाने की सूचना तुरंत प्रभाव से कृषि विभाग या जिला प्रशासन के पास में पहुंचनी चाहिए, यह एक अच्छे नागरिक का कत्र्तव्य है।
इस दौरान विशेष सचिव डॉ. नागपाल गांव पालसर के किसान जगजीत सिंह के खेत में पहुंचे। उन्होंने स्वयं सुपर सीडर, मल्चर, रिवर्स पलों व रोटरी स्लेशर चलाकर किसानों से पराली नहीं जलाने व फसल अवशेष प्रबंधन करने का आह्वान किया। इसके साथ ही उन्होंने गांव नाढोड़ी का निरीक्षण कर फसल अवशेष प्रबंध कार्यों का जायजा लिया।
इस दौरान उन्होंने कहा कि कृषि यंत्रों से फसल अवशेष को खेत की मिट्टी में आसानी से मिलाया जा सकता है, जिससे की जमीन की उर्वरा शक्ति भी बनी रहती है। इस अवसर पर कृषि विभाग के उप निदेशक डॉ. राजेश सिहाग, डॉ. राकेश कुंट, नीरज नागर, पवन कुमार, राधेश्याम, कृष्ण मुंदेला, डॉ. जांगीर सिंह सहित विभाग के अन्य अधिकारी/कर्मचारी तथा क्षेत्र के किसान उपस्थित रहे।