January 18, 2025

आईजीएमसी शिमला में उपचाराधीन मरीज को उपलब्ध करवाई गई बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाएं

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शिमला / 18 जनवरी / न्यू सुपर भारत /

प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने आज यहां कहा कि मीडिया व कुछ समाचार-पत्रों के माध्यम से इंदिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय शिमला में उपचाराधीन मरीज स्वर्गीय देवराज शर्मा की मृत्यु के बारे में तथ्यहीन आरोप लगाए जा रहे हैं। वास्तविकता यह है कि ये आरोप राजनीति से प्रेरित हैं और इस मामले को तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत किया जा रहा है।
प्रवक्ता ने कहा कि किसी भी परिवार के सदस्य का बिछुड़ जाना वेदनापूर्ण होता है।

देवराज शर्मा के निधन से उनके परिवार को अपूर्णीय क्षति हुई है। प्रदेश सरकार की संवेदनाएं स्वर्गीय देवराज शर्मा के परिवार के साथ हैं। उन्होंने कहा कि 57 वर्षीय देवराज शर्मा का इंदिरा गांधी चिकित्सा महाविद्यालय के ऑन्कोलॉजी विभाग में कार्सिनोमा पैलेट का उपचार चल रहा था।

अस्पताल प्रशासन द्वारा लोगों को गुणवत्तापूर्ण व बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधा करवाने की प्रदेश सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप देवराज शर्मा को बेहतरीन स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं और दवाइयां दी जा रही थीं। उनका कीमोरेडिएशन से उपचार किया गया और वह स्वस्थ हो गए। दुर्भाग्यवश बीमारी की पुनरावृति होने पर पेलिएटिव कीमोथैरेपी से उनका पुनः उपचार आरम्भ किया गया लेकिन मरीज पर यह प्रभावी नहीं रहा। इसके उपरांत उन्हें इम्यूनोथैरेपी आधारित इंजेक्शन का परामर्श दिया गया। यह इम्यूनोथैरेपी तीन चरणों में दी जानी थी। उन्होंने कहा कि मरीज को पहली इम्यूनोथैरेपी 22 अक्तूबर, 2024 को की गई लेकिन अगली इम्यूनोथैरेपी के शैड्यूल से पूर्व ही उनका देहान्त हो गया।

प्रवक्ता ने कहा कि इंदिरा गाधी चिकित्सा महाविद्यालय को हिमकेयर के तहत समुचित धनराशि उपलब्ध करवाई जा रही है। इस वित्त वर्ष के दौरान आईजीएमसी को हिमकेयर के तहत 49.70 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। स्वर्गीय देवराज शर्मा हिमकेयर योजना के लाभार्थी थे। इस वित्त वर्ष के दौरान उनके निशुल्क उपचार पर एक लाख 79 हजार रुपये व्यय किए गए। इसके उपरांत उनका हिमकेयर कार्ड संख्या 02080387666071123 को 13 नवम्बर, 2024 को पुनः सक्रिय किया गया। जन औषधी दुकान के फार्मासिस्ट ने मरीज के अटैंडेंट (परिचारक) से तीन या चार दिनों में इंजेक्शन नीमोटूजूमाव (बायोमाव) की उपलब्धता के बारे में पता करने का आग्रह किया था। आपूर्तिकर्ता को इसका आपूर्ति आदेश जारी किया जा चुका था। लेकिन मरीज व उनके परिजन इस दवाई की दुकान पर इंजेक्शन या दवाइयां लेने नहीं आए। यह इंजेक्शन काफी महंगा होता है इसलिए यह चिकित्सक के परामर्श पर ही वैंडर्ज से लिया जाता है।

उन्होंने कहा कि उपरोक्त तथ्यों से यह प्रमाणित होता है कि उक्त मामले को भ्रामक बनाकर प्रस्तुत किया गया है। देवराज शर्मा को आईजीएमसी में गुणात्मक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की गई। प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत लोगों को गुणात्मक स्वास्थ्य सेवाएं और बेहतरीन जीवन रक्षक दवाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। सरकार द्वारा यह प्रयास किया जा रहा है कि लोगों को उनके घरद्वार के समीप ही गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करवाई जाएं। सरकार द्वारा स्वास्थ्य क्षेत्र में आधारभूत संरचना को सुदृढ़ करने के साथ-साथ आधुनिकतम प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने को विशेष अधिमान दिया जा रहा है।

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