हमीरपुर / 3 जून / रजनीश शर्मा
हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के ऊना पर सभी की नजरें हैं, क्योंकि इस बार ऊना से कांग्रेस उम्मीदवार सतपाल रायजादा है। ऊना जिले से हमीरपुर सीट के लिए कांग्रेस की जीत का खाता 1996 में मेजर जनरल विक्रम सिंह ने खोला था। उन्होंने प्रेम कुमार धूमल को जीत की हैट्रिक लगाने से रोक दिया था। 1996 में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव जीतकर पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल का विजय रथ रोका था। इसी कारण ऊना में फिर धरतीपुत्र का नारा चला हुआ है। इस सीट पर भाजपा के युवा नेता अनुराग ठाकुर जीत का चौका लगा लगा चुके हैं और इस बार पार्टी पांचवीं जीत दर्ज करने का दावा कर रही है। 2014 के चुनावों में सुजानपुर से राजिंद्र राणा को कांग्रेस ने अनुराग के खिलाफ मैदान में उतारा था, लेकिन वे जीत नहीं सके। फिर 2019 में बिलासपुर जिला से रामलाल ठाकुर, अनुराग के खिलाफ चुनाव लड़े, लेकिन वे भी जीत नहीं सके। अगर वर्ष 2014 के आंकड़ें देखें तो हरोली विधानसभा क्षेत्र को छोडक़र ऊना की बाकी चारों विधानसभा क्षेत्र से अनुराग ठाकुर को बढ़त मिली थी। इन चुनावों में ऊना जिला से अनुराग ठाकुर को 1,34,626 वोट मिले थे। जबकि कांग्रेस प्रत्याशी राजिंद्र राणा को 1,14,303 मत पड़े थे।
वहीं अगर वर्ष 2019 के आंकड़ों की बात करें तो अनुराग ठाकुर को ऊना जिला से 2,04,726 और उनके विरोधी रामलाल ठाकुर को मात्र 95,772 वोट पड़े थे। जिनमें कुटलैहड़ विधानसभा क्षेत्र से अनुराग ठाकुर को 27 हजार 227 की लीड के साथ सर्वाधिक 43,672 वोट पड़े थे। दोनों दलों से दिग्गज नेता सतपाल सत्ती व मुकेश अग्रिहोत्री ऊना जिला से संबंधित हैं। 2019 में सतपाल सत्ती के हाथ प्रदेश भाजपा की कमान थी तो हरोली के विधायक मुकेश अग्रिहोत्री नेता प्रतिपक्ष थे और कुटलैहड़ से वीरेंद्र कंवर मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री थे। 2014 के लोकसभा चुनावों में पूर्व कांग्रेस सरकार में उद्योगमंत्री रहते हुए मुकेश अग्रिहोत्री ने मोदी लहर के बावजूद हरोली विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी राजिंद्र राणा को 6960 मतों की बढ़त दिलाई थी। तब ऊना के केवल हरोली विधानसभा क्षेत्र से ही कांग्रेस प्रत्याशी राजिंद्र राणा को लीड मिली थी, लेकिन 2019 में मुकेश अग्रिहोत्री कांग्रेस प्रत्याशी को लीड नहीं दिलवा पाए थे। अब उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्रिहोत्री के सामने अपने विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी को लीड दिलवाना चुनौतीपूर्ण रहेगा।