शिमला / 1 अप्रैल / न्यू सुपर भारत
नए वित्तीय वर्ष की शुरुआत के बाद केंद्र और राज्य की बजट घोषणाएं भी आज से लागू हो जाएंगी। लोकसभा चुनाव के चलते केंद्र सरकार ने जहां अंतरिम बजट पेश किया है, वहीं राज्य सरकार का यह आम बजट है। ऐसे में 1 अप्रैल से राज्य में दैनिक वेतन भोगियों की मजदूरी बढ़नी शुरू हो जाएगी और पंचायती राज और स्थानीय निकायों के जन प्रतिनिधियों को भी बढ़ा हुआ वेतन मिलेगा. इसके अलावा राज्य कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए डीए का इंतजार भी खत्म हो जाएगा. उन्हें 4% की ब्याज दर पर डीए की किश्तें भी मिलनी शुरू हो जाएंगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने बजट भाषण में इनकी घोषणा की, जो सोमवार से लागू होगी। कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को डीए देने पर राज्य सरकार को सालाना 580 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च आएगा. कर्मचारी और पेंशनभोगी पिछले 14 महीनों से राज्य सरकार द्वारा तीन किस्तों में 12 प्रतिशत डीए का भुगतान करने का इंतजार कर रहे हैं।
आउटसोर्स कर्मियों को 12,000 रुपये प्रति माह मिलेंगे
इसके अलावा राज्य के दिहाड़ीदारों की दिहाड़ी में 25 रुपये की बढ़ोतरी की जाएगी. इसके बाद उन्हें प्रतिदिन 400 रुपये दैनिक वेतन मिलेगा और आउटसोर्स कर्मचारियों को 12,000 रुपये प्रति माह मिलेंगे। पंचायत पशु चिकित्सा सहायकों को 7,500 रुपये मिलेंगे और ग्रेच्युटी में 500 रुपये की बढ़ोतरी होगी और मनरेगा कर्मचारियों को भी फायदा होगा। उनका दैनिक वेतन 60 रुपए बढ़कर अब 300 रुपए प्रतिदिन हो जाएगा।
आंगनवाड़ी, आशा कार्यकर्ताओं, मिड-डे मील वर्कर्ज, जल रक्षकों आदि का मानदेय बढ़ाया
सोमवार से राज्य में आंगनबाडी कार्यकर्ताओं का मानदेय 500 रुपए, मिनी आंगनबाडी कार्यकर्ताओं को 400 रुपए, आंगनबाडी सहायिकाओं को 300 रुपए, आशा कार्यकर्ताओं को 300 रुपए और मिड-डे मील वर्करों को 500 रुपए दिया जाएगा। वाटर कैरियर को 600 रुपये, जल रक्षकों को 300 रुपये अधिक, मल्टी पर्पस वर्करों को 600 रुपये, पैराफिटर व पंप ऑप्रेटर को 300 रुपए, पंचायत चौकीदार को 1,000 रुपये अधिक, राजस्व चौकीदार को 300 रुपये अधिक, राजस्व लंबरदार को 500 रुपये की बढ़ौतरी होगी। इसी प्रकार, एसएमसी शिक्षकों का मानदेय 1,900 रुपये, आईटी शिक्षकों का भी 1,900 रुपये और एसपीओ के मानदेय में 500 रुपये की बढ़ौतरी होगी।
3 साल बाद अनुबंध कर्मचारी नियमित कर्मचारी बन जाएंगे
हिमाचल प्रदेश में सरकारी विभागों, कंपनियों और बोर्डों में तीन साल तक सेवा देने वाले अनुबंध कर्मचारी नियमित कर्मचारी बन जाएंगे, लेकिन आदर्श आचार संहिता के कारण सरकार को चुनाव आयोग से अनुमति लेनी होगी।