ऊना / 01 दिसंबर / राजन चब्बा
– विश्व एड्स दिवस पर एचआरटीसी वर्कशाप ऊना में चालकों व अन्य कर्मचारियों को जागरूक करने के लिए एक शिविर का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता न्यायिक दंडाधिकारी एकांश कपिल ने की। इस अवसर पर एकांश कपिल ने कहा कि एड्स, एचआईवी वायरस से फैलने वाली बीमारी है। इसका इलाज अभी तक संभव नहीं है, लेकिन इससे बचना संभव है। असुरक्षित यौन संबंध इसकी सबसे बड़ी वजह है। कुछ सावधानियां बरती जाएं तो इसे रोका जा सकता है।
एचआईवी से ग्रस्ति होने के बाद शरीर में बीमारियों से लड़ने की क्षमता खत्म हो जाती है। पहले हमें अपने आप को इस रोग से सुरक्षित रखना है तभी आने वाली पीढ़ी सुरक्षित रह पाएगी।शिविर में उन्होंने नशे के दुष्प्रभावों के बारे में भी जानकारी दी और कहा कि अकसर 14-18 वर्ष के युवा नशे की लत के शिकार होते हैं। नशे से बचने के लिए बच्चों के व्यवहार व संगति पर नजर बनाए रखना आवश्यक है। अभिभावकों का दायित्व है कि वह अपने बच्चों के साथ निरंतर संवाद कायम रखें। साथ ही समाज से नशा दूर करने में आम जन मानस की भी भागीदारी आवश्यक है।
नशा तस्करों के बारे में सूचना देकर कानून की मदद करनी चाहिए। स्वास्थ्य विभाग से डॉ. अजय अत्री तथा डॉ. रीटा वर्मा ने एड्स के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि बुखार, पसीना आना, ठंड लगना, थकान, भूख कम लगना, वजन घटना, उल्टी-दस्त लगना, सांस लेने में परेशानी, शरीर में चकते होना इत्यादि एचआईवी के लक्षण हो सकते हैं। एक दिसंबर को विश्व एड्स दिवस के तौर पर मनाने का उद्देश्य लोगों को इस बीमारी से जुड़े लक्षणों के प्रति जागरूक करना है।
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक विश्व में करीब साढ़े तीन करोड़ लोग एचआईवी से पीड़ित हैं और इनमें से केवल 62 प्रतिशत लोगों को ही समय पर इलाज मिल पाता है।एआरटीओ ऊना राजेश कौशल ने उपस्थित लोगों को यातायात नियमों के बारे में विस्तार से बताया। इस अवसर पर एचआरटीसी के यातायात प्रबंधक दर्शन सिंह भी मौजूद रहे।