दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का हुआ समापन, एसपी व एडीसी ने की शिरकत
फतेहाबाद / 11 अप्रैल / न्यू सुपर भारत
जिला बाल संरक्षण कार्यालय, फतेहाबाद द्वारा उपायुक्त डॉ. नरहरि सिंह बांगड़, मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी ज्योति यादव के दिशा निर्देशों व इंडियन पुलिस फाउंडेशन, जिला प्रशासन और पुलिस विभाग के साथ मिलकर स्थानीय मनोहर मैमोरियल कॉलेज में दो दिवीसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन किया गया।
प्रशिक्षण के दूसरे दिन सुबह के आरंभिक स्तर में पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। उन्होंने कहा कि महिलाओं के विरूद्ध होने वाले अपराधों को रोकना और महिलाओं व बच्चों की सुरक्षा निश्चित करना पुलिस का प्राथमिक कर्तव्य है। इस कर्तव्य को पूरा करने के लिए सभी पुलिस अधिकारी और कर्मचारी बाल संरक्षण बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड, स्वास्थ्य, शिक्षा विभाग, जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण व अन्य विभागों के साथ तालमेल करते हुए गंभीरता से कार्य करें।
उन्होने कहा कि प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य सभी थानों को बाल व महिला अनुकूल बनाना तथा बच्चों व महिलाओं की सुरक्षा से जुड़े कानूनों की जानकारी देना है। उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण सभी पुलिस कर्मियों के लिए लाभकारी सिद्ध होगा और इससे पुलिस कर्मी और अधिक सक्षम बनेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि महिलाएं बेझिझक होकर थानों में अपनी समस्याएं महिला पुलिस अधिकारियों के समक्ष रख रही है। एक संवेदनशील पुलिस पीडि़त पक्ष का न्याय व्यवस्था में विश्वास बनाए रखती है।
प्रशिक्षण के समापन के समय अतिरिक्त उपायुक्त डॉ. मुनीष नागपाल ने शिरकत की। उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण पुलिस विभाग, जिला बाल संरक्षण यूनिट, बाल कल्याण समिति, किशोर न्याय बोर्ड, जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण व अन्य विभागों के लिए काफी लाभकारी सिद्ध हुआ है, क्योंकि विभिन्न कानूनों के विभिन्न प्रावधानों को बारीकी के साथ इंडियन पुलिस फाउंडेशन व उनके मास्टर ट्रेनरों द्वारा प्रशिक्षण दिया गया है।
उन्होंने कहा कि सभी विभाग जो महिलाओं और बच्चों से संबंधि है उनको मिलजुल कर व एक तालमेल के साथ महिला और बच्चों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना चाहिए। कोरोना काल में भी महिला और बच्चों पर विशेष ध्यान दिए जाने की जरूरत है तथा उनको यथासंभव मदद की जरूरत हो तो कानूनी प्रावधानों अनुसार उनकी मदद की जानी चाहिए।
दो दिविसीय प्रशिक्षण का मुख्य विषय साइबर क्राइम से महिलाओं की सुरक्षा, थानों मे मैत्रीपूर्व वातावरण, घरेलू हिंसा अधिनियम, एनडीपीएस एक्ट, महिलाओं व बच्चों की ट्रैफिकिंग को रोकना, ग्रामीण स्तर पर घरेलू हिंसा को रोकना व उस पर सामाजिक सहयोग, मूल वर्ग महिलाओं के साथ थाना पर बातचीत व व्यवहारिक कौशल, नशाखोरी से बच्चों को बचाना, किशोर न्याय अधिनियम के प्रावधानों, ट्रांसजेंडर को न्याय व कांउसलिंग, यौन अपराधों से बालको का संरक्षण अधिनियम, 2012 आदि विषयों पर इंडियन पुलिस फाउंडेशन के अध्यक्ष एवं रिटायर्ड आईपीएस रामचन्द्रन, बिमला मेहरा, रक्षित टंडन, सौम्या भौमिक, नितिश कृष्ण प्रभारी, मलिटा फ्रनांडिज, दीपिका सूरी, पुष्पा एंड अवदेश वनांगना बांदा, रश्मि आनंद, सत्य प्रकाश प्रोग्राम, मोनिका एडवोकेट व मनीषा पटेल द्वारा बतौर प्रशिक्षण व दिशा निर्देश दिए गए।
इस अवसर पर जिला बाल संरक्षण प्रदीप कुंडू, लीगल कम प्रोबेशन ऑफिसर एडवोकेट बृजेश कुमार, बाल संरक्षण अधिकारी सुरजीत बाजिया, शिव कुमार, डाटा एनालिस्ट नेहा, जोगिन्द्र, मुकेश, जिला बाल कल्याण समिति अध्यक्ष नरेन्द्र मोंगा, सदस्य सुमन मिड्डा, दुर्गेश अरोड़ा, किशोर न्याय बोर्ड से नीलम चानना, एडवोकेट जसवंत सिंह, महिला एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी रेखा अग्रवाल, डीएसपी गीतिका जाखड़, एसएचओ कविता दांगी, सुरेन्द्र सिंह, जगजीत सिंह, इन्द्रजीत सिंह, रूपेश चौधरी, विभिन्न थानों के एसआई, सभी थानों से चाइल्ड वैल्फेयर पुलिस ऑफिसर, स्पेशल जुवेनाइल पुलिस यूनिट, सभी थानों से महिला हैल्प डेस्क इंचार्ज, दुर्गा शक्ति इंचार्ज तथा जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण से पैनल एडवाकेट कमलेश वशिष्ट व अंकुश बंसल आदि मौजूद रहे।