धर्मशाला / 25 सितम्बर / विक्रम चम्बियाल
दिल्ली में ऑफिशल सीक्रेट एक्ट के तहत फ्रीलांस पत्रकार राजीव शर्मा की गिरफ्तारी को लेकर निर्वासित तिब्बितयों का आरोप है। कि जब कोई पत्रकार किसी समुदाय पर बार-बार केवल नकारात्मक रिपोर्ट लिखता है। तो उसकी मंशा पर संदेह करना जरूरी है। जिस तरह मीडिया की आड़ में निर्वासित तिब्बितयों से जुड़ी संवेदनशील जानकारियां चीनी जासूसी एजेंसियों को मुहैया करवा रहे हैं। इसको लेकर निर्वासित तिब्बितयों में रोष है।
इस पर तिब्बती एक्टिविस्ट और कवि तेंजिन त्सुंडु ने दिल्ली में गिरफ्तार किए गए फ्रीलांस पत्रकार राजीव शर्मा को लेकर कहा है। कि वह पिछले कई वर्षों से राजीव शर्मा के काम का बारीकी से अनुसरण कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जब कोई पत्रकार किसी समुदाय पर बार-बार केवल नकारात्मक रिपोर्ट लिखता है।तो उसकी मंशा पर संदेह करने के लिए अलग-अलग स्थितियां होती हैं।
राजीव शर्मा ने 11 जून 2018 को क्विंट में दलाई लामा से संबंधित डूप्लिसिटस रिपोर्टें लिखीं। नवंबर 2018 एक अन्य समाचार लेख में राजीव शर्मा ने दलाई लामा और निर्वासित तिब्बती सरकार के बीच विभाजन की कोशिश की। इस तरह की नकारात्मक रिपोर्ट दुर्भावनापूर्ण इरादे से प्रकाशित की गई थी। तेंजिन त्सुंडु ने आशंका जताई कि इस तरह के रिपोर्ट्स एक समुदाय के कल्याण को नुकसान पहुंचाने और अनावश्यक संघर्ष पैदा करने के उद्देश्य से प्रकाशित की गई थी।
क्या है मामला
14 सितंबर को दिल्ली से ऑफिशल सीक्रेट एक्ट के तहत दिल्ली पुलिस की स्पेशल टीम ने पीतमपुरा के रहने वाले फ्रीलांस जर्नलिस्ट राजीव शर्मा को गिरफ्तार किया था। देश के रक्षा से जुड़े गोपनीय दस्तावेज राजीव के पास पाए गए हैं, मामले की जांच जारी है। फ्रीलांस जर्नलिस्ट राजीव शर्मा के साथ एक चीनी महिला किंग शी और नेपाली नागरिक शेर सिंह गिरफ्तार किया गया है। तीनों से पूछताछ करके सुरक्षा एजेंसियां बाकी की जानकारी निकलवा रही हैं। आरोपी को 6 दिनों की पुलिस कस्टडी में भेजा गया है।
पुलिस ने बताया है कि राजीव भारत की सीमा रणनीति की जानकारी चीनी खुफिया तंत्र को दे रहा था। पत्रकार राजीव शर्मा 2016 से 2018 तक संवेदनशील जानकारी चीनी खुफिया अधिकारियों तक पहुंचा रहा था। कई देशों में राजीव शर्मा चीनी अधिकारियों से मिलता था। पुलिस के मुताबिक, राजीव शर्मा बॉर्डर पर सेना की तैनाती और भारत की सीमा रणनीति की जानकारी भी चीनी खुफिया तंत्र को दे रहा था।
हर जानकारी के बदले मिलते थे 1000 डॉलर
दिल्ली पुलिस ने बताया कि चीनियों को गोपनीय सूचना देने के आरोप में गिरफ्तार राजीव शर्मा को बीते एक साल में 40-45 लाख रुपए मिले। शर्मा को प्रत्येक सूचना के बदले 1000 डॉलर मिलते थे। उन्होंने बताया कि राजीव शर्मा के पास करीब 40 साल का पत्रकारिता का अनुभव है और वो भारत के कई मीडिया संस्थानों के साथ चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में भी रक्षा मामलों पर लिखता था। राजीव 2016 में चीनी एजेंट के संपर्क में आया था। फ्रीलांस जर्नलिस्ट राजीव शर्मा को केंद्रीय खुफिया एजेंसी की सूचना के आधार पर 14 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। उसके पास से रक्षा मंत्रालय के गोपनीय दस्तावेज मिले थे।
चार्ली पेंग हवाला रैकेट व जासूसी आरोप में गिरफ्तार
पिछले महीने भी सुरक्षा एजेंसियों ने दिल्ली से एक चीनी नागरिक लुओ सांग को गिरफ्तार किया था, जो भारत में चार्ली पेंग नाम से रह रहा था। पुलिस के मुताबिक हवाला रैकेट में गिरफ्तार इस चीनी नागरिक पर जासूसी का आरोप है। चार्ली ने पहले देश के अलग-अलग हिस्सों में रह रहे निर्वासित तिब्बतियों से दलाई लामा की जानकारी जुटाई, फिर उसे चीन की खुफिया एजेंसी ‘एमएसएस’ यानी मिनिस्ट्री ऑफ स्टेट सिक्योरिटी को भेज दिया।