हमीरपुर / 20 मई / न्यू सुपर भारत
डगर चाहे कितनी भी कठिन क्यों न हो, दिल में सेवा का ज़ज्बा है तो हर मुश्किल आसान हो जाती है। कठिनाईयां न केवल हमें सिखाती हैं, बल्कि नए-नए विचारों के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित भी करती हैं। यही कुछ सच कर दिखाया है ग्राम पंचायत मालग के उपप्रधान अश्वनीचंद कटोच ने। कोविड संकट में सेनेटाइजेशन कार्य के लिए ट्रैक्टर के ऊपर देसी तकनीक से टुल्लू पंप जोड़ कर वे पंचायत क्षेत्र को साफ-सुथरा रखने में जुटे हुए हैं।
कोविड-19 महामारी के इस दौर में हमीरपुर जिला के पंचायत प्रतिनिधि मानवता की सेवा के लिए अपने-अपने ढंग से प्रयास कर रहे हैं। लेकिन, अश्वनी चंद का प्रयास न केवल जुदा है बल्कि प्रेरक भी है। वे कहते हैं कि जब कोरोना ने ग्रामीण स्तर पर दस्तक दी तो पंचायत को साफ-सुथरा बनाने का विचार मन में आया। संसाधन इतने अधिक थे नहीं, मगर इरादा पक्का था। ऐसे में इन्होंने पुराने सामान को नए विचार के साथ एसेम्बल (जोड़) कर इसका भी प्रबंध कर दिया।
अश्वनी बताते हैं कि पंचायतों में अधिकतर मैनुअल ही पंप से सेनेटाइजेशन की जा रही है, जिसमें पंप खरीदने से लेकर स्वयंसेवी एवं समय भी अधिक लगता था। ऐसे में कुछ हटकर करने की सोची। उन्होंने सामान्य ट्रैक्टर के साथ एक पानी का टैंकर जोड़ा और उसके ऊपर जनरेटर से टुल्लू पंप का कनेक्शन किया।
इसके बाद पानी की पाईप के अगले मुहाने पर सर्विस स्टेशन में प्रयुक्त होने वाली नोज़ल फिट की और इससे पानी का प्रेशर बढ़ाने में मदद मिली जो लगभग 15 मीटर की दूरी तक घोल का छिड़काव कर सकती है।
इसके बाद टैंकर में लगभग अढ़ाई हजार लीटर पानी भरा और उसमें सेनिटाईजर की उपयुक्त मात्रा मिलाई। इस तरह से तैयार हुआ कम समय में ज्यादा क्षेत्र में सेनेटाईजेशन का घरेलू नुस्खा। मात्र तीन घंटों में लगभग 80 से 100 घरों को इसने बखूबी सेनेटाईज कर दिया।
उनका दावा है कि दो दिन में पूरी पंचायत सेनेटाइज करने के बाद वे गौशालाओं और सार्वजनिक रास्तों की भी साफ-सफाई करेंगे। उनके इस कार्य में पंचायत प्रधान वीना देवी, सभी वार्ड सदस्य तथा गांव के स्वयंसेवी वीर सिंह, रोशन चंद सहित अन्य लोग खुलकर मदद कर रहे हैं।
सहायक आयुक्त (विकास) एवं खंड विकास अधिकारी नादौन अपराजिता चंदेल ने भी उनके प्रयासों की सराहना की है। उन्होंने सभी पंचायत प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे इस महामारी के प्रबंधन एवं रोकथाम में अपना हरसंभव सहयोग दें।