उपायुक्त प्रदीप कुमार ने बैठक कर की पीएमईजीपी व पीएमएफएमई योजनाओं की समीक्षा
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फतेहाबाद / 25 अप्रैल / न्यू सुपर भारत
उपायुक्त प्रदीप कुमार ने लघु सचिवालय के सभागार में प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयत योजना (पीएमएफएमई) योजना की समीक्षा की और जिला में इस योजना के तहत आए आवेदनों को निपटाने के आदेश दिए। उपायुक्त ने बताया कि जिला में खाद्य प्रसंस्करण में उद्योग स्थापित करने हेतू ऋण के लिए ऑनलाइन आवेदन वेबसाइट www.mofpi.nic.in पर कर सकते हैं। जिला के पात्र के व्यक्ति योजना का लाभ उठाकर स्वयं का रोजगार स्थापित करें और आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनें।
उपायुक्त ने कहा कि इस योजना के तहत जिला में जो आवेदन आए है, बैंकर्स उन आवेदनों को जल्द से जल्द मंजूरी प्रदान करें ताकि प्रार्थी को अपना उद्यम स्थापित करने में कोई दिक्कत न आए। उपायुक्त ने कहा कि जिला में इस योजना के तहत जो आवेदन सभी दस्तावेजों की औपचारिकताएं पूर्ण करते हैं, उनके उद्योग स्थापित करवाए।
बैठक में पिछले वित्तीय वर्ष में दिए गए लक्ष्यों की प्रगति समीक्षा की गई। प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयत योजना के तहत पिछले वर्ष तीनों एजेंसियों को 286.74 लाख रुपये के मार्जमनी का लक्ष्य दिया गया था, इसकी एवज में एजेंसियों ने 1010.85 लाख रुपये के आवेदन स्पोंसर्ड किए। बैंकों द्वारा 325.60 लाख रुपये मार्जमनी के रूप में स्वीकृत किए।
जिला एमएसएमई ने इस योजना के तहत 137 प्रतिशत लक्ष्यों को प्राप्त किया। इसके लिए उन्होंने एमएसएमई की प्रशंसा भी की। उपायुक्त ने शेष दोनों एजेंसियों खादी एवं ग्रामोद्योग मंडल तथा खादी ग्रामोद्योग आयोग अंबाला के अधिकारियों से अपने लक्ष्य पूरे करने के निर्देश दिए।
उपायुक्त ने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) की भी समीक्षा की और संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि योजना के तहत स्वयं का रोजगार चलाने वाले व्यक्तियों को 25 लाख रुपये तक का ऋण उपलब्ध करवाया जाता है। इस कार्यक्रम के तहत ग्रामीण क्षेत्र के लिए 25 प्रतिशत तथा शहरी क्षेत्र के लिए 15 प्रतिशत की अनुदान राशि प्रदान की जाती है।
बैठक में जिला एमएसएमई के उपनिदेशक गुरप्रताप ने पीएमएफएमई योजना में खाद्य प्रसंस्करण में नये सूक्ष्म उद्यम स्थापित करने एवं बढ़ावा देने के लिए जिला फतेहाबाद में वन-डिस्ट्रिक्ट-वन-उत्पाद के तहत सिट्रस फ्रूट उत्पाद के स्थान पर मिल्क एंड डेयरी उत्पाद का चयन करने बारे सुझाव दिया, इसे कमेटी द्वारा पास करके अनुमति के लिए मंत्रालय को भेज दिया। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत वर्तमान में संचालित या स्थापित उद्यम भी इस योजना के तहत लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
उन्होंने बताया कि इस योजना के अंतर्गत आवेदकों को सभी प्रकार की सहायता डिस्ट्रिक्ट रिसोर्स पर्सन द्वारा प्रदान की जाती है जिसके के लिए डिस्ट्रिक्ट रिसोर्स पर्सन को प्रति केस 20000 रुपये की राशि दिए जाने का प्रावधान है। जिला में और भी रिसोर्स पर्सन की नियुक्ति भी की जानी है जिसके लिए विभाग द्वारा आवेदन मांगे गए।
इच्छुक आवेदक अपने आवेदन 30 अप्रैल तक जमा करवा सकते हैं। स्कीम के तहत लाभ प्राप्त करने एवं रिसोर्स पर्सन नियुक्ति हेतु आवेदक भटटू रोड स्थित जिला एमएसएमई केन्द्र के दूरभाष नंबर 01667-225123 पर संपर्क कर सकते हैं। इस अवसर पर एडीसी अजय चोपड़ा, डीडीए डॉ. राजेश सिहाग, डीएचओ डॉ. श्रवण कुमार, डीएफओ बलबीर सिंह, खादी बोर्ड से ओम प्रकाश भाटिया, आसेटी निदेशक सज्जन कुमार बंसल सहित संबंधित विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।