किसानों के साथ मोदी सरकार,9.5 करोड़ परिवारों के लिए 19,000 करोड़ रुपए: अनुराग ठाकुर
किसानों के लिए वरदान साबित हुई प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 8वीं किस्त जारी
नई दिल्ली / शिमला / 14 मई / राजन :
केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट अफ़ेयर्स राज्यमंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने अन्नदाता के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की 8 वीं किस्त के तहत 9.5 करोड़ लाभार्थी किसान परिवारों के लिए 19,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जारी करने पर प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया है।
श्री अनुराग ठाकुर ने कहा” मोदी सरकार सदा से किसान हितैषी रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी में किसानों के हितों में जितने कदम उठाए हैं उतना पिछले 70 सालों में कोई सरकार नहीं कर पाई।मोदी जी ने आज बिना किसी भेदभाव के पीएम किसान सम्मान निधि की 8 वीं किस्त के रूप में 9.5 करोड़ लाभार्थी किसान परिवारों के लिए 19,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जारी की है।
यह किसानों के आर्थिक सशक्तिकरण का एक सशक्त उदाहरण है।इस योजना के तहत हर साल किसानों के खाते में दो-दो हजार रुपये की राशि तीन किस्तों में भेजी जाती है।इस तरह तीन किस्तों में किसानों के खातों में हर साल कुल 6,000 रुपये भेजे जाते हैं जिसका उपयोग हमारे अन्नदाता कृषि कार्यों में कर पाते हैं।मोदी सरकार बिना किसी बिचौलिये को लाए हुए सीधा किसानों के हाथों में पैसा पहुँचा रही है।ये एक बड़ा बदलाव है जिसे देश का अन्नदाता महसूस कर रहा है।मोदी जी के इस कृषक-कृषि हितैषी कार्य के लिए मैं उनका आभार प्रकट करता हूँ व सभी किसान भाइयों को बधाई देता हूँ”
आगे बोलते हुए श्री अनुराग ठाकुर ने कहा “
मोदी सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के संकल्प के साथ काम कर रही है। यह किसानों के लिए अब तक की सबसे बड़ी योजना है जो अन्नदाता के लिए वरदान साबित हो रही है। पूरे देश में इस योजना के अंतर्गत लगभग 11 करोड़ किसानों के पास करीब 1 लाख 35 हजार करोड़ रूपये की सहायता राशि दी जा चुकी है।इनमें से सिर्फ कोरोना काल में ही 60 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा पहुंचे हैं। आज बंगाल के लाखों किसानों को पहली किस्त पहुंची है।जैसे-जैसे राज्यों से किसानों के नाम केंद्र सरकार को मिलेंगे, वैसे वैसे लाभार्थी किसानों की संख्या और बढ़ती जाएगी। केंद्र की मोदी सरकार ने किसानों की आवश्यकता, चिंताओं, जरूरतों को समझ कर योजनाओं को लागू करने का प्रयास किया है। हमने कृषि को टुकड़ों के बजाए पूरी समग्रता से देखा और चुनौतियों से निपटने के लिए मिलकर प्रयास किया है”