मंडी शहर की सभी महत्वपूर्ण दीवारों पर सजे मंडी कलम के रंग
मंडी / 3 अक्तूबर / पुंछी
छोटी काशी महोत्सव के आयोजन को लेकर मंडी शहर पूरी तरह से सज गया है। 4 से 6 अक्तूबर तक आयोजित होने जा रहे छोटी काशी महोत्सव में जहां मंडी की कला व संस्कृति का रूप देखने को मिलेगा तो वहीं यहां की प्रसिद्ध मंडी कलम के रंग भी महोत्सव को चार चांद लगाएंगे।
महोत्सव के लिए मंडी शहर की सभी महत्वपूर्ण दीवारों पर मंडी कलम की कला कृतियों को बेहद खूबसूरती के साथ उकेरा गया है जो न केवल लोगों को महोत्सव बारे आकर्षित कर रही हैं बल्कि मंडी कलम के प्रति भी लोगों को जागरूक बना रही है। मंडी की पुरातन सांस्कृतिक पहचान मंडी कलम को उभारने के लिए छोटी काशी महोत्सव के दौरान इंदिरा मार्किट में मंडी कलम प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है। इस दौरान मंडी की पुरातन चित्रकारी को जानने व सीखने के चाहवान इसका लाभ उठा सकते हैं।
क्या है मंडी कलम
मंडी कलम चित्रशैली के रूप में एक लोककला है, जो रियासतकाल में राजाश्रय में फली-फूली पहाड़ी चित्र कला अपने चित्रण की बारीकियों के लिए मशहूर रही है। इस चित्रशैली में गणेश, सूर्य, पांडवों, दुर्गा, काली जैसे धार्मिक चरित्रों के अलावा सैनिक, यमराज, नारी इत्यादि का भी चित्रण किया गया है।
मंडी कलम में प्राकृतिक रंगों का उपयोग होता रहा है। ये प्राकृतिक रंग मिटटी, पत्थर, वनस्पति, फलों व धातु इत्यादि से तैयार किए जाते थे।
मंडी कलम को उभारने में जिला प्रशासन का विशेष फोकस
छोटी काशी महोत्सव के दौरान मंडी कलम को प्रोत्साहित करने तथा इस पुरातन चित्रशैली बारे वर्तमान पीढ़ी को रू-ब-रू करवाने के लिए इंदिरा मार्किट में जिला प्रशासन के विशेष प्रयासों से मंडी कलम प्रशिक्षण की भी व्यवस्था की है। इस दौरान जहां हमारी वर्तमान पीढ़ी मंडी की प्राचीन चित्रकला शैली को देखने व जानने का अवसर मिलेगा तो वहीं सीखने के चाहवान इसका लाभ उठा पाएंगे।