हमीरपुर / रजनीश शर्मा
पूर्व सैनिक निगम हमीरपुर की ओर से पूर्व सैनिकों और सैन्य सेवा के दौरान शहीद, अक्षम, मृतक सैनिकों के पूर्ण आश्रितों को विभिन्न परियोजनाओं, सरकारी विभागों और लोक उपक्रमों में आउटसोर्स आधार पर सुरक्षा संबंधी और अन्य सेवाओं में भर्ती व इसके लिए डाटा बैंक तैयार करने के लिए 1 नवंबर से पंजीकरण प्रक्रिया शुरू हो गयी है। 55 वर्ष तक के पूर्व सैनिक पंजीकरण करवा सकते हैं। इस सम्बंध में हिमाचल प्रदेश पूर्व सैनिक निगम द्वारा शुक्रवार को हमीरपुर के बचत भवन में जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पूर्व सैनिक निगम के सीएमडी ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर रहे। इस मौक़े पर सैनिक कल्याण निगम के निदेशक ब्रिगेडियर एसके वर्मा,मेजर गौरवमनकोटिया, केवल कृष्ण, बिट्टू पठानिया विशेष रूप से मौजूद रहे। जागरूकता शिविर में आए पूर्व सैनिकों को बताया गया कि पंजीकरण द्वारा एक एक डेटाबैंक बनाया जाएगा । इससे रोज़गार के लिए बार बार कार्यालय के चक्कर काटने नहीं पड़ेंगे। निगम की वेबसाईट पर सारी जानकारी उपलब्ध करवाने की कोशिश की गयी है। पूर्व सैनिक निगम के माध्यम से क़रीब 2150 ट्रक विभिन्न सीमेंट फ़ैक्टरियों के साथ अटेच किए गये हैं।
इस मौक़े पर निगम अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ब्रिगेडियर खुशहाल ठाकुर ने कहा कि भविष्य में निगम की ओर से आउटसोर्स आधार पर की जाने वाली विभिन्न सुरक्षा संबंधी तथा अन्य सेवाओं सुरक्षा गार्ड, आर्म गार्ड, सुरक्षा सुपरवाइजर, डाटा एंट्री ऑपरेटर, ड्राइवर, कुक, पीएसओ वायरलेस ऑपरेटर, हेल्पर, चौकीदार, चपरासी इत्यादि में भर्ती के लिए यह पंजीकरण अनिवार्य होगा। पंजीकरण के बाद हर पूर्व सैनिक और पूर्व सैनिकों के उपरोक्त परिभाषित आश्रितों को एक पंजीकरण नंबर जारी किया जाएगा। इन पदों व सेवाओं के अतिरिक्त किसी अन्य पद के लिए भी निगम आउटसोर्स आधार पर भर्ती कर सकता है।
इच्छुक पूर्व सैनिक और पात्र आश्रित 1 नवंबर या इसके बाद किसी भी कार्य दिवस को अपनी डिस्चार्ज बुक और जिला सैनिक कल्याण कार्यालय द्वारा जारी किए गए आश्रित प्रमाण पत्र को साथ लाकर अपना पंजीकरण करवा सकते हैं। पंजीकरण के लिए किसी भी प्रकार का यात्रा भत्ता देय नहीं होगा। उन्होंने बताया कि जो भी पूर्व सैनिक इस शिविर में आए हैं वे हर पूर्व सैनिक तक इस पंजीकरण सुविधा की बात पहुँचाएँ ताकि सैनिक परिवारों का भला हो सके।सैनिक कल्याण निगम के निदेशक ब्रिगेडियर एसके वर्मा ने अपने सम्बोधन में कहा कि सैनिक सेवनिवृत्ति के बावजूद भी हुक्म में बँधा रहता है। पूर्व सैनिक व आम नागरिक के बीच अनुशासन के लिए यही फ़र्क़ जीवन भर बरक़रार रहता है।
पूर्व सैनिक निगम के सचिव अनुपम ठाकुर ने जागरूकता शिविर में बताया कि एक अनुशासित सैनिक को सेवानिवृत्ति के बाद समाज एवं परिवार में सामंजस्य स्थापित करना होता है।पूर्व सैनिक निगम का गठन पूर्व सैनिकों की वेदनाओं , संवेदनाओं और समस्याओं को हल करने के लिया गया। पूर्व सैनिकों को हमेशा अपने कौशलता एवं कुशलता की तरफ़ ध्यान देते रहना चाहिए।