डीपीआरसी हाल में अभिनव मंच द्वारा प्रस्तुत किया दास्तान ए रोहनात नाटक का मंचन
फतेहाबाद / 24 जुलाई / न्यू सुपर भारत
आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में शनिवार शाम को स्थानीय डीपीआरसी हाल में दास्तान ए रोहनात नाटक मंचन किया गया। नाटक के माध्यम से कलाकारों ने देश की आजादी के चलाए गए प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में गांव रोहनातवासियों के बलिदान का सजीव चित्रण प्रस्तुत किया। इसके साथ ही कलाकारों ने अंग्रेजी हुकुमत द्वारा देशवासियों पर किए गए जुल्म व बर्बरता भी दिखाई।
फतेहाबाद से विधायक दुड़ा राम मुख्यातिथि के रूप में शामिल हुए तथा रतिया से विधायक लक्ष्मण नापा ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। कार्यक्रम में अपना संदेश देते हुए मुख्यातिथि विधायक दुड़ा राम ने कहा कि देश को आजादी दिलवाने वाले अमर शहीदों को कभी भुलाया नहीं जा सकता। सरकार अमर शहीदों व संत-महात्माओं की जयंती समारोह सरकारी तौर पर आयोजित कर उनको नमन कर रही है। युवा पीढ़ी को अमर शहीदों के बलिदान से प्रेरणा लेनी चाहिए।
नाटक के माध्यम से कलाकारों ने दर्शाया कि भारत देश को आजादी बड़े ही संघर्ष के बाद मिली। देश की आजादी के लिए लंबा संघर्ष करना पड़ा। असंख्य लोगों ने अपनी कुर्बानी दी। देश की आजादी में शहीद ए आजम भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, चंद्रशेखर आजाद के साथ-साथ गांव रोहनातवासियों की कुर्बानी को कभी भुलाया नहीं जा सकता। कलाकारों ने दिखाया कि अंग्रेज भारत में व्यापार करने के लिए आए, लेकिन उन्होंने फूट डालो और राज करो की नीति अपनाई और देश को अधीन कर गुलाम बना लिया। भारतवासियों पर अत्याचार किए और हमारी ही जमीन पर लगान वसूला।
प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में रोहनातवासी रूपा खाती, बीरड़दास और नौंदा जाट के नेतृत्व में आसपास क्षेत्र के लोग एकत्रित होते हैं और अंग्रेजों के खिलाफ बगावत का बिगुल बजाते हैं। उन्होंने हांसी में अंग्रेजों की छावनी पर हमला बोला और उनके खजाने लूटे। अंग्रेजों ने तीनों को तोपों से उड़ा दिया और हांसी में रोहनातवासियों पर रोड रोलर चलाए, जिसकी वजह से हांसी की सडक़ का नाम लाल सडक़ है। इन योद्धाओं ने अपने परिवार के सुख के बारे में कभी किसी प्रकार की चिंता नहीं की। इन क्रांतिकारियों ने मुख से भी यही निकला कि जिंदगी म्हारी नहीं, देश की खातर सै, हिंदुस्तान की खातर सै, इसके लिए हमने मर-मिट जाना है।
कार्यक्रम के दौरान अपना संबोधन देते हुए विधायक दुड़ा राम ने कहा कि प्रदेश सरकार का प्रयास है कि संत-महात्माओं व अमर शहीदों की कुर्बानी का संदेश हर घर व हर व्यक्ति तक पहुंचे, इसी के चलते ऐसे प्रेरणादायी कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। इन कार्यक्रमों से युवा पीढ़ी को बहुत कुछ सीखने को मिलता है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा अंबाला कैंट में 22 एकड़ भूमि पर एक विशाल शहीद स्मारक का निर्माण किया जा रहा है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे रतिया से विधायक लक्ष्मण नापा ने कहा कि अमर शहीदों के बलिदान को नमन करने के उद्देश्य के चलते ही 30 जुलाई को रतिया में शहीद उधम सिंह के बलिदान दिवस पर राज्य स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल मुख्यातिथि के रूप में शिरकत करेंगे। उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रम समाज व राष्ट्र को एकता के सूत्र में पिरोने का काम करते हैं, जो समाज के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
नाटक मंचन कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन करके किया गया। कार्यक्रम में उपायुक्त प्रदीप कुमार, एडीसी अजय चोपड़ा, नगराधीश सुरेश कुमार, आरटीए सचिव संजय बिश्रोई, नप चेयरमैन राजेंद्र खिची, भारत भूषण मिढ़ा, भीम लाम्बा, प्रमोद बेनीवाल, डीईटीसी अंजू सिंह, डीएफएससी विनीत जैन, डीआईसी उप निदेशक जीसी लांग्यान, रेडक्रॉस सचिव सुरेंद्र श्योराण, प्रवीण जोड़ा, राणा जोहल, श्रवण बुडिया, विजय गोयल, डीएचओ डॉ. श्रवण कुमार, जिला खेल अधिकारी सतविंद्र गिल, डॉ. कुलदीप गौरी, डॉ. लाजवंती गौरी सहित शहर के गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।
नाटक में कलाकारों ने निभाए जोरदार किरदार
दास्तान ए रोहनात नाटक सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक डॉ. अमित अग्रवाल के मार्गदर्शन में तैयार करवाया गया है। इस नाटक के निर्देशक मनीष जोशी हैं तथा लेखक यशराज शर्मा हैं। इस नाटक में प्रसिद्ध रंगकर्मी यशराज शर्मा ने गांव रोहनात निवासी नौंदा जाट का दमदार किरदार निभाया। नाटक में रंगकर्मी/कलाकार रामनारायण, अनूप, देवांशु तनेजा, संदीप कुमार, भारत सिंह, सौरभ, सोनू और विश्वराज जोशी रोहनात के ग्रामीण का किरदार निभाया। कैमेश्वर, गौरव खेरवाल, मुधर भाटिया, नवनीत शर्मा ब्रिटिश ऑफिसर की भूमिका में नजर आए।
हर्षिता सुथार ने नौंदा जाट की पत्नी की भूमिका निभाई। नरेश चंद्र ने किसान का रोल अदा किया। कबीर दहिया ने रूपराम खाती का दमदार किरदार निभाया तथा स्नेहा बिश्रोई रूपराम खाती की पत्नी के किरदार में नजर आई। अतुल लेघां ने बीरड़दास का किरदार निभाया तथा प्रकृति ने बीरड़ादास की पत्नी का किरदान निभाया। विशाल कुमार ने जासूस रोल किया। निमिशा ने नृत्य की प्रस्तुति दी। निपुण कपूर ने संगीता संचालन किया।
इस नाटक के निदेशक मनीष जोशी है तथा सारंश भट नाटक के कास्ट्यूम डिजाइजनर हैं। राखी दूबे कोरियोग्राफर हैं, जो कि नाटक के दौरान मौजूद रहे। इस नाटक के गीत हरियाणवी कवि बीएम बेचैन तथा ओपी धनखड़ द्वारा लिखे गए है। अपूर्व भारद्वाज ने पर्दे के पीछे कलाकारों को तैयार करवाने में अहम भूमिका निभाई। यह कार्यक्रम अभिनव मंच के माध्यम से किया गया है।